Friday, October 10, 2025
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माँ की कोख

ये माँ की कोख को शर्मसार करते हैं जा के कह दो माँ से ना जने बेटे ...... बक्से में बंद कर सिराहने रखा करो वो अभी बच्ची...

बच्चे तालियाँ बजाते हैं…

बच्चे खिलखिलाते हैं हँसते हैं तकते हैं अबूझ किस्सों कों परियों की कहानियाँ उन्हें आज भी लुभाती हैं पहाड़ पर चढ़ती विशाल मकड़ी रेत...

सच

क्या आप भी  सरेआम सच  कहना चाहते हैं ये शहर सच को नकारता है जनाब .............. .  जब भी सच कहा लोग खिलखिला के हँसे आज के दौर में  सच चुटकुले सा है .........

Guest.. Maina

क्या आपने सुना हुज़ूर  मैना ने सर मुंडवाया है  वो एक सैनिक की बेवा है संग सैनिक का साया है  पीछे उसके अतिथिगण की भरी पुरी एक सेना है जल्दी...

मन ये चाहे तू बच्चा हो जा

मन ये चाहे तू बच्चा  हो जा  खफ़ा सच से मगर सारा जहाँ रहता  है मुँह पर तेरा पीठ फिरते ही फिरा जहाँ ये दोगला  सच को...

लाल दीवारें..

लाल दीवारें /भीगी नहीं हैरान थी  दीवारों से निकल   देखने आईं कुछ आँखें  हो विकल बारम्बार      कदम रह गये ठिठक कर उस द्वार  जिसके पीछे बहुत सी...

बातें हैं..

बात जब मैं की चली है तो चलो मैं भी कह दूँ तुम अपनी मैं में रहो मैं खुदी में खुृश हूँ तुमसे बेहतर न सही...

शुभकामनाएं /हो भविष्य उज्ज्वल ही उज्ज्वल

हो भविष्य उज्जवल ही उज्जवल शुभकामना देता ये अंतस्तल                      गंगा सा मन रहे आपका ...

बसंती है बयार नाचता हर सूँ तिरंगा है

   ज़िन्दगी चन्द पल की मेहमान है     खुद से मिलें या मिलें जमाने से     कह दो उनसे बहुत मसरूफ़* हैं हम    वो जो आते...

देता रहा दस्तक वो

बेसबब उसकी हर बात को लेते गये तयशुदा उसको लम्हात ही भेजे गये देता रहा दस्तक  वो खामोश सा चेहरा जज़्बातों को उसके तजुर्बात सा...
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