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सांझी
सीख रहा है
बचपन
नित नये कौशल ..
रचनात्मक तरीकों से
समाज के साथ चलना
कल्पनाशीलता का
स्वाभाविक गुण लिए
उसकी तूलिका
बनाती है
बेढब बेरंग...
जब परिस्थितियाँ विपरीत हों, क्या करें?
जब परिस्थितियाँ विपरीत हों
क्या करें ?
प्रीति राघव चौहान
है बहुत अंधेरा कंदीलें जला लो यारों
घटा ने चांद छुपाया है हौंसला नहीं
...
रफ्तार
जीना है गर तुझे
रफ्तार जरूरी है
जमीन से आकाश तक
इस पार से उस पार तक
जीतना है हार को
सींचना है प्यार को
जुटा ले अपना हौंसला
जीना है...
सरिस्का का जंगल
.. रास्ते में जंगल
जंगल के बीच रास्ता
सचमुच अद्भुत था
डिज्नीलैंड से भी
मोहक थे नजारे
सूखी हुई धरती की
वो छटा अब...
ज़िन्दगी मिली तुझे… In rapping mode
जिंदगी मिली तुझे
तू जिंदगी का ले मजा
जिंदगी के नाम पर
खुद को दे ना तू सजा
जिंदगी सफर है प्यारे
हंस के या...
नम आँखें मुस्कुराईं
दो परियाँ
हौले हौले उतर
जमीन पर आईं
नम आँखें माँ की
देख मुस्कुराईं
मुस्कुराहट कह रही थी
माँ दुखी तू हो ना
हम जहाँ करेंगे रोशन
आँचल को यूँ भिगो ना
इक...
सीढ़ी
सीढ़ी
“मुट्ठी में रखना, छूट दी… तो सर पर चढ़ कर नाचेगी!”, अहिल्या ने हाथ नचाते नचाते हुए श्रीधर से कहा।
“चिंता मत कर अम्मा, मैं...
अमीना यदा कदा मुस्कुराती है
अमीना यदा कदा मुस्कुराती है
आज अमीना का दिन
शुरु हुआ प्रार्थना से
लेकर हाथ में
जादू का बक्सा
जिसे खोने का डर लिए
देख रही है वो सपने अविरल
बंद...
अरण्य-रोदन (भाग – 1 कठौती)
अरण्य-रोदन
भाग – 1
कठौती
रोज की भांति सड़क आज भी सीधी सपाट थी। कुछ भी ऐसा देखने लायक नहीं था जो किसी राहगीर...