डिप्रेशन
उसके कमरे की दीवारों
पर चस्पा हैं कई तहरीरें
दिखाई नहीं देती
सुनाई देती हैं
रात के सन्नाटे में
कभी निकलता है कॉकरोच कोई
कभी कोई छिपकली का बच्चा
दिन ढले छिप जाता है
उसकी अलमारी में
बाथरूम की टाईलों से निकल
ढेरों मछलियां चली
आतीं हैं बेडरूम तक
और साथ-साथ मछलियों के
वाशबेसिन से निकलती है
इक तेज सड़ांध जिसकी वो
अक्सर शिकायत करती है
उसके जाने के बाद वो शिकवे
नजर आते हैं तहरीरों से
उसके कमरे की दीवार पर…
जब मैं उसके जाने के बाद
खोलती हूँ बाथरूम तो फर्श और टाइलें
चमचमा रहे होते हैं
नहीं दिखता मुझे कोई कॉकरोच
नहीं आती वहां कोई बू
ना कोई छिपकली का बच्चा
फिर केवल उसे ही
क्यों नजर आते हैं सब
क्या है इन दीवारों में
इन चमचमाती टाइलों में
इस बाथरूम के वाशबेसिन में
मैं बहुत खोजती हूं
पर मुझे कुछ नजर नहीं आता
शायद ये तहरीरें
डिप्रेशन की मूक भाषा हैं
प्रीति राघव चौहान
डिप्रेशन /Depression
उसके कमरे की दीवारों पर चस्पा हैं कई