चंचल चीता चला चमोली चंचल चीता चला चमोली

चंचल चीता चला चमोली,

 चूहों ने चबा ली चाट,

चूहे बोले चीते भैया, 

छोड़ो चटपटी बात!

चंचल चीता चुपचाप

चपरम चिप्स चबाए,

चूहे चिपचिप चिपाते,

 चटपटी चाट में आए।

बिल्ली बैठी बाल बनाकर, 

बोली बैंगन लाओ बबून

Baboon बोला बबल बबल,

 Bull खा गए बैंगन भून!

बंदर बैठा बनाना ब्रांच पर

 बोला, “बना na ball बना!”

बिल्ली बोली बंदर से, 

 “balloon बनाना बीन बजा !”

कछुआ करता quick-quick क्विज़, 

कुत्ते ने कहा, “so cool!”

कौआ कांव कांव कर बोला, 

“हों काले किस्से काले rule!”

कछुआ कश्ती काली लेकर 

पहुंचा काले कंकर के पास 

रूल वूल सब फूल बनाते

कहे कालू कंगारू बॉस ©प्रीति राघव चौहान 

VIAप्रीति राघव चौहान
SOURCEPRITI RAGHAV CHAUHAN
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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