पानी

पानी बचाओ

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पानी.. पानी

पानी के सभी पर्यायवाची शब्द लिये पानी बचाओ के संदेश के साथ

पानी

 

हुई पुरानी ताल-तलैया,

हुए पुराने कुएं जी।

नल ही नल हैं अब तो घर-घर

कहाँ रहे वो झरने जी।

 

पानी ले जाती पनिहारिन

हवा न जाने कहाँ हुई

बोतल में अब बँधे हुए

मिलते पानी के कतरे जी

 

लहरों संग हम बहते थे

था जल कुंओ में माथे तक

अवनी सूखी अंबर सूखा

सूखे पीपल पत्रे जी

 

नदियाँ सिकुड़ी धीरे-धीरे,

नीर बचा न तीरे जी

सूरज जमकर आग उगलता

काम न आए खीरे जी

 

आओ मिलकर वारि बचाएं,

धरती को फिर से हरियाएं।

हर घर दो- दो वृक्ष लगाएँ,

पृथ्वी को खुशहाल बनाएं।

 

पानी को मत व्यर्थ बहाओ,

हर बूँद का समझो मोल

नदी, तलैया, ताल बचाओ

पानी बच्चों है अनमोल

‘प्रीति राघव चौहान ‘

 

 

बाल कविता बाल कविता

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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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