वृक्ष मगन सब देख घिरे घन
नाचें अंबर और गुड़िया
निकले घर से चुन्नू मुन्नू
जादू की लेने पुड़िया
दादी रोकें मम्मी टोके
बारिश में तुम न जाना
ठंडी लग जाएगी तुमको
और पड़ेगा पछताना
चुन्नू तब ये झट से बोला
अम्मा नाच रहा है मोर
संग आप भी मौज मना लें
काहे को करतीं हैं शोर
ठंडी जब लग जाये अदरक
वाला दूध पिला देना
बेसन वाला ताजा हलुआ
भरकर पेट खिला देना
नाच रहें हैं चुन्नू मुन्नू
नाचें अंबर और गुड़िया
मोर नाचता वृक्ष नाचते
नाचें अम्मा और चिड़िया
प्रीति राघव चौहान