Tag: https://pritiraghavchauhan.com/
जमाने के चलन देखे
जमाने के चलन देखे PritiRaghav Chauhan जमाने के चलन देखे नई कविता
जमाने के चलन देखे
जमाने के चलन देखे
PRITI RAGHAV CHAUHAN
जमाने के चलन देखे
खिले साहब...
सीमा त्रिखा का वादा शिक्षा का सूरज चमकेगा ज्यादा
निपुण भारत के अन्तर्गत चल रहा मूलभूत साक्षरता व संख्या ज्ञान मिशन ने अब सही मायने में प्रगति पथ पर रफ्तार पकड़ रहा है।...
क्या हरिद्वार जाना है ? जानें क्या नहीं करना?
हरि के चरण जहाँ हों वहाँ उस पवन पावन धाम पर कौन नहीं जाना चाहेगा भला!विष्णु के इस द्वार पर अपने जीवन में कम...
फोन का उपवास
#फोन चलो आज फोन का उपवास करते हैं
https://pritiraghavchauhan...
चलो आज फोन का उपवास करते हैं
चलो आज फोन का उपवास करते हैं
नहीं देखेंगे व्हाट्सएप चैट
ना देखेंगे...
जीवन में कैसे करें तय नई दिशा
बीज से अंकुर, अंकुर से पौध और पौधे से वृक्ष… कभी सोचा है? सब कैसे होता चला जाता है? जैसा पर्यावरण, जैसी परिस्थितियां वैसा...
सरिस्का का जंगल
.. रास्ते में जंगल
जंगल के बीच रास्ता
सचमुच अद्भुत था
डिज्नीलैंड से भी
मोहक थे नजारे
सूखी हुई धरती की
वो छटा अब...
Golden Bowl
Pritiraghav Chauhan सुनहरी कटोरा
“मम्मी, बुरा ना मानो तो एक चीज मांगू।” शादी के चार साल बाद नेहा ने माँ से कहा।
“हां बोल क्या चाहिए?”
“तुम...
Aaj ka vichar
जहालत इक सिफर है
निकलना है इससे
चलो मिलकर इन
स्याह तीलों को मिटाएँ
आज का विचार
वो सृष्टि है
वो वृष्टि है
नित नूतन
वो दृष्टि है
सिंदूरी रंग
टिकुली में ले
वो सम्पूर्ण
समष्टि है
प्रीति राघव चौहान
चित्रांकन :आरुषि चौहान