Tag: #प्रीतिराघवचौहान
कागज़ की नाव
कागज की नाव..
रात भर बादलों ने
जमकर किया नृत्य
हर छत-हर पात पर
कुछ इस तरह कि
सूरज खुलकर मुस्काना भूल गया
बस धीरे-धीरे भीगी
हर चीज़... हर कोना... हर...
किताबें
किताबें
किताबों में किस्से हैं कलमा है चौपाई भी
तेरी मेरी इसकी उसकी सी लगती कविताई भी
किताबों में कल है रोमांचक पल हैं
काले हर्फ़ों में लिखें...
Protected: स्वतंत्रता
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं...
इक स्वतंत्र सोच ले जी सकें...
सच
सच कहना कटु है
सुनना गरल है
मुँह छिपाना सच से बंधु
क्या सरल है
सच चीखकर कहेगा सब
चाहे हो गूंगा
मोती मानुष चून बिके जब
कैसे बचेगा मूंगा
सच बचा...
सक्षम हरियाणा
जिस रोज हम सक्षम होंगे
परचम तभी फहराएंगे
हिंद ए आजादी के
तराने तभी गाएंगे
नींद में थे तभी शायद यूँ पीछे रहे
अब शुरु हुए हैं न उनके...
माँ
तुम ही कुमारी
तुम ही किशोरी
तुम ही युवती
तुम ही हो यति
तुम ही दुर्गा
तुम ही शक्ति
तुम ही ब्रह्म हो
तुम...