मोनालिसा

संभावनाएं

0
1258

मोनालिसा

तुम अपने घर के सोफे में

ठीक यूँ टंकी थी

जैसे तुम्हारे पीछे टँकी

मोनालिसा की तस्वीर

 जो मुस्कुराकर झांक रही थी

सामने रखी मेज में

सचमुच गजब ढा रही थी

मैं कैसे कह देती कि

तुम्हारे कसकर बंद जबड़ों में

तुम खूबसूरत लग रही हो

कैसे करती तुम्हें लाइक

तुमने अपनी तमाम संभावनाओं को

ब्रांडेड कपड़ों में कैद कर लिया है

सच तो यह है कि

तुम मोनालिसा भी नहीं

VIAप्रीति राघव चौहान
SOURCEPritiraghavchauhan
SHARE
Previous articleछुट्टियाँ
Next articleकुछ शेर dil se
नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

LEAVE A REPLY