एक बड़ा सा पहाड़
कटा- कटा
केक जैसा
मैंने देखा
पहाड़ पर झरना
रुका- रुका
घर के नल जैसा
मैंने देखी नदी
स्कूल के आगे बने नाले जैसी
मैंने देखा समुन्दर
गाँव के जोहड़ जैसा
मछलियाँ कुछ मरी
पड़ी हैं जिसके अन्दर
सपने में मैंने देखा!
एक बड़ा सा पहाड़
कटा- कटा
केक जैसा
मैंने देखा
पहाड़ पर झरना
रुका- रुका
घर के नल जैसा
मैंने देखी नदी
स्कूल के आगे बने नाले जैसी
मैंने देखा समुन्दर
गाँव के जोहड़ जैसा
मछलियाँ कुछ मरी
पड़ी हैं जिसके अन्दर
सपने में मैंने देखा!