नौवे अंतर्राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मेलन में सहोदरी सम्मान से सम्मानित श्रीमती प्रीति राघव चौहान जो कि गुरुग्राम, हरियाणा (भारत) की मूल निवासी हैं। वे जिला नूंह के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। हिंदी भाषा के विकास में सुश्री प्रीति राघव को सुदृढ हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य सेवा के लिए विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय हिंदी अधिवेशन (महात्मा गांधी संस्थान) मॉरीशस में भाषा सहोदरी रत्न सम्मान से विभूषित किया गया। मॉरीशस में यह अधिवेशन 10 से 11 जनवरी 2023 तक संपन्न हुआ। इस मौके पर मारिशस के महामहिम राष्ट्रपति श्री पृथ्वीराज सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। भारत मॉरीशस के मैत्री संबंधों को मजबूत करने के लिए यह हिंदी भाषा सम्मेलन मील का पत्थर साबित हुआ।इस अधिवेशन से न केवल हिंदी को विश्व में श्रेष्ठ आसन मिला अपितु भारत व मॉरीशस मैत्री विश्राम में भी प्रजाता आई। हिंदी भाषा संस्कृति और शिक्षा के विस्तार के लिए भारत के विभिन्न राज्यों से आए जिज्ञासुओं ने हिंदी भाषा के विकास के लिए विस्तृत चर्चा की। भाषा सहोदरी हिंदी भारत का एक ऐसा संगठन है जो लंबे समय से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए कार्य कर रहा है।   समय रहते यदि हिंदी के भविष्य के प्रति हम जागरूक नहीं हो रहे हैं तो हिंदी को उसका उचित स्थान नहीं देंगे।  मारिशस के महामहिम, प्रथम पुरुष श्री पृथ्वीराज सिंह रूपन ने सभी हिन्दी भाषी लेखकों का उत्साहवर्धन किया।

      सभी को ज्ञात हो कि भाषा सहोदरी हिंदी के विकास के लिए निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति कार्य कर रही है:-

*भारत की सभी लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। 

* देश में हिंदी भाषी छात्रों के लिए सुनिश्चित रोजगार व्यवस्था सुनिश्चित करें। 

*भारत के सभी अंशों में लगभग 4200000 छात्र हिंदी से जुड़े स्नातक पी एच डी हैं। लेकिन न तो सरकार के पास और न ही कॉरपोरेट जगत के पास किसी के लिए कोई रोजगार है! हिंदी को केंद्रीय स्तर पर और क्षेत्रीय स्तर पर देश की मुख्य भाषा का अधिकार होना चाहिए। 

     हम आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन देश के लोगों को देश की एक भाषा नहीं मिली। अब समय आ गया है कि भारत के लोगों की एक भाषा हिन्दी सुनिश्चित करें। 

*देश में समान शिक्षा लागू हो। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के राज्य के हर गांव कस्बे पहाड़ी इलाके में एक समान शिक्षा लागू हो। 

* देश में बिकने वाले हर वस्तु पर हिंदी भाषा अंकित हो। 

* सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय देश के प्रत्येक न्यायालय में हिंदी की भागीदारी हो। 

*ज्ञान विज्ञान की भाषा बने हिंदी। 

हिंदी के छात्रों को डॉक्टरी, इंजीनियरिंग, आदि हिंदी भाषा में करने का प्रावधान हो । 

 *पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य बने। 

VIAPriti Raghav Chauhan
SOURCEPriti Raghav Chauhan
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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