गृह प्रवेश करते ही
पूछना
क्या हुआ
क्यों है पशेमां
और कहना उसका
तल्ख ज़बान में
ऐ माँ तू ही है
मेरा अश्क ए पता
तेरा मेरे सामने बैठना
मुझे यूँ बेवजह निहारना
बस यही तो है इक वो वजह
कि मेरी है उससे दुआ
मेरी माँ को
तू अब उठा ले खुदा…
है मेरी भी अरदास ये
बच्चों की सुन
बस बहुत हुआ
साथ एक है प्रार्थना
ना फिर धरा पे पुकारना
फिर भी जरूरी हो तुझे
बंध्या करके उतारना..