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Priti Raghav Chauhan
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Kavita
बंध्या
pritiraghavchauhan.com
-
July 13, 2018
0
गृह प्रवेश करते ही पूछना क्या हुआ क्यों है पशेमां और कहना उसका तल्ख ज़बान में ऐ माँ तू ही है मेरा अश्क ए पता तेरा मेरे सामने बैठना मुझे यूँ बेवजह निहारना बस...
Hindi Shayari
कुछ शेर dil se
pritiraghavchauhan.com
-
June 14, 2018
0
क्यों इतनी उलझने क्यों इतने फासले हैं गैर से लगने लगे अपनों के काफिले हैं कारवां लिए एक गुबार साथ चल रहा कैसा है यह सफर कैसे ...
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