नवसृजन को चाहिये अवकाश
प्रत्येक दिन घूमना एक ही धुरी पर
करता है बोझिल ज़िन्दगी को
जरूरी तो नहीं हाथी के कान
लेकर खड़े रहें जमीन पर
तितलियों के पर
लेकर छू सकते हैं आसमां
ये बात और है
आसमां सबका है ज़ुदा
तितलियाँ
नवसृजन को चाहिये अवकाश
प्रत्येक दिन घूमना एक ही धुरी पर
करता है बोझिल ज़िन्दगी को
जरूरी तो नहीं हाथी के कान
लेकर खड़े रहें जमीन पर
तितलियों के पर
लेकर छू सकते हैं आसमां
ये बात और है
आसमां सबका है ज़ुदा