Monday, October 13, 2025
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रंगीली ऋतुएँ

  रंगीली ऋतुओं के रंग  कक्षा पहली के संग  नाक सभी की  लाल हो गई  लाल हो गए गाल मैं हूं सर्दी रानी भैया  देखो मेरा कमाल  जब मैं आऊँ  सारे पत्ते गिर...

भीख और भिखारी कब तक??

भारत एक भारत एक विशाल भावना शील देश है ।यहाँ और कुछ हो या ना हो, भावनाएं लोगों के अंदर कूट-कूट कर भरी हुई...

आज का विचार

ज़िद थी नाप लेगें ये तेरी धरती तमाम त्रिशंकु* बन देखते हैं अजब क़ौस-ए-कुज़ह* त्रिशंकु - एक राजा जो स्वर्ग प्राप्ति की इच्छा के चलते...

पिता

पिता एक छत की तरह होता है जैसे सुनते आए हैं देखा भी है। पिता के पास अपार संभावनाओं का थैला होता है जो...

आओ बच्चों कुछ अनोखा कर दिखाएं

आओ बच्चों कुछ अनोखा कर दिखाएं चलो मिल जुल कर धरती दिवस मनाएं बो दें एक बीज हरितिमा का आंगन में आने वाले कल को चलो अभी बचाएं आओ...

कंदील

हवा में कंदीले बहुतेरी बेशुमार थीं मन्नतें सभी की अपार अपरंपार थीं हमनें भी इक दिल्लगी में उड़ा दी सुबह मेरी छत पर बुझी हुईं...

विशेषण (अभ्यास कार्य पत्रक)

                सक्षम हेतु अभ्यास कार्य पत्रक  जिला मेवात विशेषण                ...

चल मेरे तुम्बे तुम्बक तू

            चल मेरे तुम्बे तुम्बक तू          बहुत दिन पहले की बात है। एक पहाड़ की तलहटी...

कुलच्छनी(लघुकथा)

कुलच्छनी वो पिछले पच्चीस वर्षों से उसे घर लौटने को कहते हुए थक चुकी थी ।अजब यायावरी ठानी थी उसने जिंदगी में एक...

2020

इक्कीसवीं सदी बढ़े नव सृजन की ओर हरी धरा पर केसरी परचम रहे चहुंओर   विकास का ये चक्र चलता यूं ही रहे हिन्द भू पर प्रेम पलता यूंही रहे खुशहाल हो वसुधा सम्पन्न...
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