Tuesday, October 7, 2025
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आग

  वो आग जो तसले में पली  आग जिसने जोड़ा सभी को वो आग जिसने तोड़ा सभी को वो आग जो शाम को...

चींटी के पर

चींटी के पर एक बार एक चींटी थी। बहुत नाज़ुक, बहुत महीन, बहुत छोटी सी। उसके पास कुछ भी ऐसा न था कि उसे कोई...

महानगरीय आदमी

उल्लू सा जागता  अंधाधुंध भागता  आगे पीछे विकराल मुँह वाला ये आदमी  महानगरी का बाशिंदा है  खासियत ये है कि  हर हाल में जिंदा है 

औरतें जब बैठती हैं..

औरतें जब बैठती हैं..   औरतें जब बैठती हैं एक साथ चंद पल फुर्सत के निकाल मुस्कुराती हैं हँसती हैं चहकती हैं फफकती हैं और कभी-कभी शोलों सी धधकती हैं  औरतों के...

DearSanta….

DearSanta, I am still waiting for you from years... On this day I know your bells are stolen Your cart is just like a cage I know your  grey beard...

अलवर के शंभुनाथ

काश जात पूछ करते वो प्रेम ....  निकले होते घर से  घर वालों से पूछ ...   चले होते लेकर आज्ञा माता-पिता की ..  काश उन्हें पता होता प्रेम...

आज शांत बहुत शांत है मन

शांत बहुत शांत है मन आज अगले कुछ रोज मैं और मेरी लेखनी होगी रचेंगे किस्से..... परियों के ना सही कासिद की बातें सक्षम के सफर में अम्मा का इंतजार कानून की...

No more jokes on ladies…

मैं औरत हूँ हर सब्जी में मिल खुश होना चाहती हूँ क्या करूँ उसने हरा जामा पहनाया लगे अगर किसी को मेरा क्या कुसूर मैं भी सोई हुई थी.. अचानक जागरण हुआ  क्या...

Mirage/मृगमारीचिका/ग़ज़ल

तलाश ए जिंदगानी में भटकना दरबदर मेरा मृगमरीचिका के संग रोज तय सफर होता है एक तरफ जान थी मेरी एक तरफ जान का टुकड़ा जलजला दोनों सूंं फैला क्या यही...
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