मैं उसकी आँख का पानी हूँ (शहीद उधम सिंह की आँखों देखी)
मैं उसकी आँख का पानी हूँ
बोलो कैसे मर सकता हूँ
उसकी पुरजोर जवानी हूँ
बोलो कैसे मर सकता हूँ
है चॉक कलेजा सुनकर ही
उसकी आँखों देखी गाथा
रक्त...
वैदिक युग से शुरु हुई मैं संस्कृत प्राकृत की चेरी
वैदिक युग से शुरु हुई मैं
संस्कृत प्राकृत की चेरी
आर्य नादों में बजती थी
मेरे सुर की रणभेरी
सिन्धु देश में अश्वमेघ
सम छाप मिलेगी मेरी
अपभ्रंश और अवधी...
मेवात की बेटियाँ रच रहीं इतिहास
भागदौड़ में भूले जो
वो भी तो कहना है बन्धु
चुपके चुपके इतिहास रचा
वो भी तो लिखना है बन्धु
एक गाँव सड़क किनारे है
बालक उसमें सब...
अक्कू जी
अकड़ अकड़ कर अक्कू जी
अण्डा लेने गये बाजार
अम्मा ने अचकन पहनाई
दे दिए रुपये एक सौ चार
दस रुपये की अदरक ली
तीस रुपये का लिया अचार
फल...






















