निपुण भारत नया भारत (मिशन मोड में भारतीय शिक्षा नीति)

जानकर परिवेश उसका   करें उसके दिल की बात रोज-रोज, कदम दर कदम  चलना होगा उसके साथ  क्या सीखा? कितना सीखा? और क्या बाकी अभी? सीखने होंगे हमें उसके अपने शब्द सभी करना होगा हमें भाषा का विस्तार उसके अपने शब्दों से ही सिखाएँ शब्द...
Pachmari

पचमढ़ी

आज भी उस दिन को याद करती हूँ तो मन खुशी से भर जाता है जब हमारी कक्षा की शिक्षिका ने कहा कि तुम्हें पचमढ़ी एडवैंचर कैंप के लिए चुना गया है। मुझे लगा हम...

राम

कण कण में राम जन जन में राम मन मन में राम तन तन में राम वन वन में राम मधु वन में राम टन टन में राम घन घन में राम नर नर में राम घर घर...

आज का विचार

सरलता रंगों का स्वाभाविक गुण है। चाहे किसी भी रंग में मिलाओ ये सहज ही दूसरे में विलय हो जाते हैं। अतः सरल बनो। 

चलो एक बार…

चलो एक बार फिर भरें उड़ान हौसलों से भर लो पर रंग बिरंगे रंग ओढ़ कर पुरातन पंथी ढंग छोड़कर चलो फिर भरें उड़ान  तुम अनूठी हो अद्भुत है तुममे साहस करो न एक बार फिर  जीवन को नए तरीके से  जीने का दुस्साहस अपने...

सूरज

ये सूरज है... चाँद जैसा हवा में लटके                                 धूल और धुंए की महीन चादर में      अपने अस्तित्व को...

इस काल का वरण करें /IndianCricketTeam

इसकाल का वरण करें  जीत के आकाश से विजय कुसुम नहीं तो क्या  क्षण वो शंखनाद के  बना नहीं सके तो क्या  निशीथ के अंधेरों में  नव किरण नहीं तो क्या  उठा सुदीप्त भाल इसकाल का वरण करें   क्या हुआ जो न झुके  भाल...

मैंने देखा एक पहाड़ कटा-कटा

मैंने देखा  एक बड़ा सा पहाड़ कटा- कटा केक जैसा मैंने देखा पहाड़ पर झरना रुका- रुका घर के नल जैसा मैंने देखी नदी स्कूल के आगे बने नाले जैसी मैंने देखा समुन्दर गाँव के जोहड़ जैसा मछलियाँ कुछ मरी पड़ी हैं जिसके अन्दर सपने में मैंने देखा!