निपुण भारत नया भारत (मिशन मोड में भारतीय शिक्षा नीति)
जानकर परिवेश उसका
करें उसके दिल की बात
रोज-रोज, कदम दर कदम
चलना होगा उसके साथ
क्या सीखा? कितना सीखा?
और क्या बाकी अभी?
सीखने होंगे हमें
उसके अपने शब्द सभी
करना होगा हमें
भाषा का विस्तार
उसके अपने शब्दों से ही
सिखाएँ शब्द...
आज का विचार
सरलता रंगों का स्वाभाविक गुण है। चाहे किसी भी रंग में मिलाओ ये सहज ही दूसरे में विलय हो जाते हैं। अतः सरल बनो।
चलो एक बार…
चलो एक बार फिर
भरें उड़ान
हौसलों से भर लो पर
रंग बिरंगे रंग ओढ़ कर
पुरातन पंथी ढंग छोड़कर
चलो फिर भरें उड़ान
तुम अनूठी हो
अद्भुत है तुममे साहस
करो न एक बार फिर
जीवन को नए तरीके से
जीने का दुस्साहस
अपने...
इस काल का वरण करें /IndianCricketTeam
इसकाल का वरण करें
जीत के आकाश से
विजय कुसुम नहीं तो क्या
क्षण वो शंखनाद के
बना नहीं सके तो क्या
निशीथ के अंधेरों में
नव किरण नहीं तो क्या
उठा सुदीप्त भाल
इसकाल का वरण करें
क्या हुआ जो न झुके
भाल...
मैंने देखा एक पहाड़ कटा-कटा
मैंने देखा
एक बड़ा सा पहाड़
कटा- कटा
केक जैसा
मैंने देखा
पहाड़ पर झरना
रुका- रुका
घर के नल जैसा
मैंने देखी नदी
स्कूल के आगे बने नाले जैसी
मैंने देखा समुन्दर
गाँव के जोहड़ जैसा
मछलियाँ कुछ मरी
पड़ी हैं जिसके अन्दर
सपने में मैंने देखा!