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मशरूम जो बदल देगी जीवन

आयस्टर मशरूम की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है, जिसे छोटे निवेश के साथ भी शुरू किया जा सकता है। यह मशरूम अपनी पौष्टिकता, स्वाद और बाजार में मांग के कारण लोकप्रिय है। इसे घर...

आग

  वो आग जो तसले में पली  आग जिसने जोड़ा सभी को वो आग जिसने तोड़ा सभी को वो आग जो शाम को लगी भली वो आग जो अकेले जली.. उस अग्नि का...

जमाने के चलन देखे 

जमाने के चलन देखे PritiRaghav Chauhan जमाने के चलन देखे नई कविता जमाने के चलन देखे     जमाने के चलन देखे   PRITI RAGHAV CHAUHAN   जमाने के चलन देखे खिले साहब चमन देखे मगर वह देख ना पाये जो ठहरा सा लबों पर...

धरती 

धरती धरती कल मैं जमीन पर बैठी थी माँ बोली! धरती पर क्यों बैठी हो? अभी वसुधा पर ओस है।pritiraghavchauhan.com मही अभी नम है। उर्वी से उठो, क्षिति! धरित्री को सूखने दो… तुम्हें पता है.. मेदिनी रातभर जाड़े में थी। अब रत्न...

पानी

पानी.. पानी पानी   हुई पुरानी ताल-तलैया, हुए पुराने कुएं जी। नल ही नल हैं अब तो घर-घर कहाँ रहे वो झरने जी।   पानी ले जाती पनिहारिन हवा न जाने कहाँ हुई बोतल में अब बँधे हुए मिलते पानी के कतरे जी   लहरों संग हम...
नया साल 

नया साल 

नया साल Priti Raghav Chauhan  ये जो नया साल है अब नया सा नहीं लग रहा दशक दर दशक ये पाश्चात्यता के रंग में रंग रहा है ये सर्द शाम दिवाली सी सजधज लिए खाली जेब सी खलती है! धनवान नृत्य...
काशी में शिक्षा

काशी में शिक्षा

नव भारत ने पकड़ ली अब विकास की राह, वाराणसी में दिखा शिक्षा का नया प्रवाह।   देखे हमने विद्यालयों में नवजागरण स्वर, निपुण भारत का सपना हर बच्चा हो आत्मनिर्भर   कार्यकलापों से सीख रहे हैं वो जीवन का मर्म, शिक्षा आज जगा रही है नवचेतना...

काशी के बुनकर

हंथकरघा जहाँ गाता धुनों का राग, हर ताना-बाना कहता है दिल की बात।   सूरज सी रेशम किरणों से बुनकर के वो खेल,  मेहनत और कारीगरी का अविरत अनुपम मेल। हथकरघा चला रहे जैसे सरगम का तार, उनकी खड्डी पर...

क्या है काशी?

जब जीवन ने पहली साँस ली, गंगा के तट पर काशी बसी। संस्कारों का दीप जला, ज्ञान की गंगा यहाँ बही।   हर गली में इतिहास गूँजता, हर कोने में हैं वेद बसे। संतों के चरणों की रज में, जीवन का सार...
काशी

काशी

  काशी, तू है समय का शाश्वत स्वर, तू ही आरंभ और तू ही अंतिम पहर।   यहाँ जन्म की पहली पुकार सी गंगा की धार में शाश्वत सृष्टि झलकती। सतत प्रवाह में जीवन का संगीत, काशी, जहाँ सृष्टि और शून्य...