आयस्टर मशरूम की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है, जिसे छोटे निवेश के साथ भी शुरू किया जा सकता है। यह मशरूम अपनी पौष्टिकता, स्वाद और बाजार में मांग के कारण लोकप्रिय है। इसे घर पर, छोटे स्तर पर या बड़े स्तर पर व्यावसायिक रूप से उगाया जा सकता है।
1. आयस्टर मशरूम क्या है?
आयस्टर मशरूम (प्ल्यूरोटस जीनस) एक सफेद, हल्के भूरे या गहरे रंग का फफूंद है जो विभिन्न प्रकार की जलवायु और सब्सट्रेट्स (माध्यमों) में उगता है। यह प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत है—
2. खेती के लिए सही समय
आयस्टर मशरूम उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण जलवायु में उगाया जा सकता है।तापमान: 20-30 डिग्री सेल्सियस।आर्द्रता: 80-90%।
समय: यह सालभर उगाई जा सकती है, लेकिन मानसून और सर्दियों का समय सबसे उपयुक्त है।
3. स्थान का चयन
एक साफ, हवादार और अंधेरे स्थान की आवश्यकता होती है।
कमरे का तापमान और आर्द्रता नियंत्रित करने के लिए इसे इनडोर (बंद कमरे) में उगाया जा सकता है।खेती को छोटे स्तर पर घर में या बड़े स्तर पर फार्म हाउस में किया जा सकता है।—
4. खेती के लिए सामग्री
1. बीज (स्पॉन): अच्छी गुणवत्ता का आयस्टर मशरूम स्पॉन खरीदें।
2. सब्सट्रेट (माध्यम): भूसा (गेहूं, धान, जौ), लकड़ी की छीलन, कॉफी की खल या गन्ने की खोई।
3. बैग: प्लास्टिक बैग (पॉलीथीन) जिनमें सब्सट्रेट और बीज भरा जाता है।
4. अन्य उपकरण:पानी का स्प्रेयर।थर्मामीटर और हाइग्रोमीटर (तापमान और आर्द्रता मापने के लिए)।
5. आयस्टर मशरूम उगाने की प्रक्रिया
चरण 1: सब्सट्रेट की तैयारी.. भूसे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें।इसे 65-70 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में 30-45 मिनट तक उबालें या भिगोएं।पानी निथारकर भूसे को सुखाएं ताकि उसमें नमी 65-70% रहे।
चरण 2: बीज लगाना (स्पॉनिंग)प्लास्टिक बैग में सब्सट्रेट और स्पॉन को परतों में भरें।बैग को अच्छी तरह से बांधकर उसमें छोटे-छोटे छेद करें ताकि हवा अंदर जा सके।
चरण 3: इनक्यूबेशन (अंकुरण)बैग को 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 10-15 दिनों तक अंधेरे कमरे में रखें।इस दौरान मायसेलियम सब्सट्रेट में फैलता है।
चरण 4: फलों का निर्माण (पिनिंग)जैसे ही बैग पर सफेद परत बन जाए, बैग को काट दें।इसे नमी, प्रकाश और हवा वाले स्थान पर रखें।5-7 दिनों में मशरूम के गुच्छे दिखाई देने लगेंगे।
चरण 5: कटाई… 15-20 दिनों में मशरूम तैयार हो जाते हैं।इन्हें जड़ों से काटकर ताजा बाजार में बेच सकते हैं।—
6. रखरखाव और देखभाल कमरे में 80-90% आर्द्रता बनाए रखें।तापमान को स्थिर रखें।हर दिन पानी का हल्का छिड़काव करें।संक्रमित बैग या खराब मशरूम को तुरंत हटा दें।
7. लागत और लाभ
लागत:छोटे स्तर पर ₹20,000-₹30,000 में शुरू किया जा सकता है।
प्रति बैग लागत: ₹30-₹50।
एक बैग से 1-2 किलो मशरूम उत्पादन हो सकता है।
लाभ:बाज़ार में मशरूम की कीमत ₹150-₹300 प्रति किलो तक हो सकती है।बड़े स्तर पर खेती से सालाना लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं।
8. किसके लिए उपयुक्त है?
छोटे किसान और बेरोजगार युवक।गृहणियां जो घर से व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं।उद्यमी जो कृषि-आधारित व्यवसाय करना चाहते हैं।
9. सरकारी सहायता और प्रशिक्षण भारत सरकार और राज्य सरकारें मशरूम उत्पादन के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान करती हैं।कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र (सोलन, हिमाचल प्रदेश) से संपर्क करें।
10. बाज़ार और विपणन स्थानीय सब्जी मंडी, रेस्टोरेंट, होटल और सुपरमार्केट में आपूर्ति करें।ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर भी बेच सकते हैं।मशरूम के प्रसंस्कृत उत्पाद (जैसे सूखे मशरूम) बनाकर अधिक लाभ कमाएं।
आयस्टर मशरूम की खेती आसान, लाभकारी और पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय है। उचित प्रशिक्षण और देखभाल के साथ यह आपके लिए आय का एक अच्छा स्रोत बन सकता है।
बहुत अच्छी जानकारी है।