काशी में शिक्षा

निपुण भारत निपुण काशी

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काशी में शिक्षा
निपुण भारत निपुण काशी

नव भारत ने पकड़ ली

अब विकास की राह,

वाराणसी में दिखा

शिक्षा का नया प्रवाह।

 

देखे हमने विद्यालयों में

नवजागरण स्वर,

निपुण भारत का सपना

हर बच्चा हो आत्मनिर्भर

 

कार्यकलापों से सीख रहे हैं

वो जीवन का मर्म,

शिक्षा आज जगा रही

है नवचेतना नवधर्म।

 

निपुण भारत का हर

लक्ष्य वहां था जीवंत,

“लर्निंग बाय डूइंग” से

बन रहा भारत अरिहंत।

 

दीवारों पर अंकित योजना

लिए पारदर्शी रंग,

सपने खेलें आँख मिचौली

नवरंगों के संग।

 

डर की छाया से दूर

अद्भुत था वो संसार ,

प्रश्न पूछता, उत्तर देता,

सृजन संग नाना प्रकार ।

 

न झिझक, न डर कोई

बचपन था अभिराम,

हर बालक में दिख

रहा नवभारत अविराम।

 

 

नई शिक्षा नीति के

दीप जले हर ओर,

ज्ञान की किरणें छू रहीं

हर इक घर की ठौर।

 

सजा था शिक्षा से हर कोना,

हर कक्षा हर द्वार,

नवभारत का उदय लिए ,

था वो उज्ज्वल संसार।

 

चलो मिलकर करें इस

क्रांति का सत्कार,

हर बालक बने शिक्षित,

हो उज्जवल संसार।

प्रीति राघव चौहान

 

VIAप्रीति राघव चौहान
SOURCEPRITI RAGHAV CHAUHAN
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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