Friday, July 4, 2025
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दिल से

वो जिन्हें लेकर मुझे गुमां था दोस्ती का वो मेरे दोस्त नहीं महज़ खंजर थे जनाब यकीन न हो तो आप भी आजमां देखें चेहरे पर रमज़ान...

अशआर

क्या जरूरी है कि कुछ बोल के समझाया जाये लोग चुप रह कर भी हाले दिल बयान करतें हैं हर बात बोल के समझाओ ये जरूरी...

माँ मैं आ गई

लो माँ  वक्त से पहले ही चली आई मैं पर भाई की तरह ना छकाया ना रुलाया ना सताया ना साज ना आवाज़ ना ढोल ताशे ना बनी सबकी सरताज जो भी आता...

संजय तुम कहाँ हो

संजय तुम कहाँ हो ज्येष्ठ माह जब सर ढक कर चलना मजबूरी हो जाती है उसी ज्येष्ठ माह में पहले एक विधवा ने अपना सर मुंडवाया भीड़ रोई प्रजातंत्र मुस्कुराया अब हरियाणा...

आज का विचार

आज ऐसा क्या है जो कल से बेहतर है ?      यदि प्रतिदिन आप ऐसी दो बातें ढूंढ लेते हैं तो यकीन मानिए आप निरन्तर प्रगति कर...

कुछ शेर dil se

क्यों इतनी उलझने  क्यों इतने फासले हैं गैर से लगने लगे अपनों के काफिले हैं कारवां लिए एक गुबार साथ चल रहा कैसा है यह सफर कैसे ...

Urin Of SUGAR

शुगर का यूरिन किसने देखा है कल आज में जियो गुस्सा क्यों शुगर के यूरिन सा  जो बार बार आता है छोड़ो भी जाने दो यदि ये बीमारी है दवा लो नहीं...

तिनका

तिनका तितलियों से रंग ले वो उड़ती पात पात पर मुस्कुराती झूमती समय की बिसात पर मुट्ठियाँ कसी हुई हौसले बुलंद थे लाल लाल अधरों पर रौशन हजारों छंद थे तेजस्विनी के भाल...

माँ की कोख

ये माँ की कोख को शर्मसार करते हैं जा के कह दो माँ से ना जने बेटे ...... बक्से में बंद कर सिराहने रखा करो वो अभी बच्ची...

लौट आओ

लौट आओ ऐ परिंदो अपने आशियानों को इससे पहले कि  दर ओ दीवार न रहें
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