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अशआर
क्या जरूरी है कि कुछ बोल के समझाया जाये
लोग चुप रह कर भी हाले दिल बयान करतें हैं
हर बात बोल के समझाओ ये जरूरी...
माँ मैं आ गई
लो माँ वक्त से पहले ही
चली आई मैं
पर भाई की तरह
ना छकाया
ना रुलाया
ना सताया
ना साज
ना आवाज़
ना ढोल ताशे
ना बनी सबकी सरताज
जो भी आता...
संजय तुम कहाँ हो
संजय तुम कहाँ हो
ज्येष्ठ माह
जब सर ढक कर चलना
मजबूरी हो जाती है
उसी ज्येष्ठ माह में
पहले एक विधवा ने
अपना सर मुंडवाया
भीड़ रोई प्रजातंत्र मुस्कुराया
अब हरियाणा...
आज का विचार
आज ऐसा क्या है जो कल से बेहतर है ?
यदि प्रतिदिन आप ऐसी दो बातें ढूंढ लेते हैं तो यकीन मानिए आप निरन्तर प्रगति कर...
कुछ शेर dil se
क्यों इतनी उलझने क्यों इतने फासले हैं
गैर से लगने लगे अपनों के काफिले हैं
कारवां लिए एक गुबार साथ चल रहा
कैसा है यह सफर कैसे ...
Urin Of SUGAR
शुगर का यूरिन
किसने देखा है कल
आज में जियो
गुस्सा क्यों शुगर के
यूरिन सा
जो बार बार आता है
छोड़ो भी जाने दो
यदि ये बीमारी है
दवा लो
नहीं...
तिनका
तिनका
तितलियों से रंग ले
वो उड़ती पात पात पर
मुस्कुराती झूमती
समय की बिसात पर
मुट्ठियाँ कसी हुई
हौसले बुलंद थे
लाल लाल अधरों पर
रौशन हजारों छंद थे
तेजस्विनी के भाल...
माँ की कोख
ये माँ की कोख को शर्मसार करते हैं
जा के कह दो माँ से ना जने बेटे
......
बक्से में बंद कर सिराहने रखा करो
वो अभी बच्ची...