Tuesday, October 7, 2025
Tags नई कविता pritiraghavchauhan.com

Tag: नई कविता pritiraghavchauhan.com

यशोधरा प्रश्न

जाने कितनी वासवदत्ता  आई होंगी द्वार तिहारे ओढ़ चांदनी और अंगड़ाई  लेकर होंगे पंथ बुहारे  किंतु देव में मलिन  सहमी हुई सी एक लता  आजन्म रहूँगी कृतज्ञ  जो होऊँ बंदी अंक...
- Advertisement -

MOST POPULAR

नदी

चन्द शेर

Ahankar

HOT NEWS