शिक्षित हो हर घर परिवार (नुक्कड़ नाटक)

शिक्षित हो हर घर परिवार    सभी बच्चों का समवेत स्वर-)  सुनो सुनो भाई सुनो सुनो  सुनो सुनो भाई सुनो सुनो    (सभी बच्चे)  चलो चलें एक नए सफर पर  देखें नई...

विश्व भर की महिलाओं को…

वो सृष्टि है औरतें जब बैठती हैं..   औरतें जब बैठती हैं एक साथ चंद पल फुर्सत के निकाल मुस्कुराती हैं हँसती हैं चहकती हैं फफकती हैं और कभी-कभी शोलों...

मेरे मेरे अंदर का इक बच्चा बड़ा होने से डरता है बड़े लोगों की...

मेरे अंदर का इक बच्चा बड़ा होने से डरता है बड़े लोगों की दुनिया में खड़ा होनेसे डरता है जमाने भर की गर्दिश है लपेटे अपने हाथों में जरा...
रंग हवा में केसरिया है नीला पीला लाल

बोलो सा रा रा रा

रंग हवा में केसरिया और नीला पीला लाल गलियों में निकली हैं टोली मच रहा खूब धमाल बोलो सा रा रा रा जोगीरा सा रा रा रा खबरों में है...

चींटी के पर

चींटी के पर एक बार एक चींटी थी। बहुत नाज़ुक, बहुत महीन, बहुत छोटी सी। उसके पास कुछ भी ऐसा न था कि उसे कोई...

भारत वर्ष है प्यारा

आजादी का अधिकार दिया है  समता का अधिकार दिया   धर्म हमें चुनने का जहाँ मिला अधिकार वो भारत वर्ष है प्यारा अमर गणतंत्र हमारा शिक्षा का अधिकार दिया है  भोजन का...

बस तुम और मैं..

अब क्या होगा इस दुनिया में?  जो आकर कोई पूछेगा वो स्वयं ही अपनी पहेली को मेरे शब्दों में बूझेगा अनघड़ औघड़ बेजां बातें  क्यों कर- कर वक्त गुजारें...
नई कविता( ये कोरोना के पतन का काल है!)

आज का सवाल?

ये कोरोना के पतन का काल है चहुंओर आजादी के खुशकत नजारे हवाओं में उछलते दिलकश ये नारे खांसते लोग खिड़कियों से झाँकते लिए पुनर्जागरण की फिर से...

सियासी झगड़ों से बचपन को बचाना था

सियासी झगड़ों से बचपन को बचाना था दुनियावी बातों में हम दीवानावार हुए  न रहे अपनो के न गैरे तलबगार हुए  साथी सभी एक एक कर खुदा...

वो आखिरी ख़त

जब छोड़ा शहर तेरा मैंने  तेरा मन ही मन घबराना  उस सर्पिल पगडंडी पर तेरा पीछे पीछे आना कैसे भूल मैं सकती हूँ  वो नम राहें वो भारी दिन  वो...