मंदिर मंदिर पंडे बैठे

मंदिर मंदिर बैठे पंडे मंदिर बाहर बैठे वृद्ध राम ढूंढते वन वन भटके घर के ऊपर फिरते गिद्ध  खुशहाली को खुशी खा गई  सड़कों पर है बदहाली  दिल्ली से है...

मुंडकल्ली /without scarf on head

मुंडकल्ली दरवाज़ो के पीछे हँसती खिलखिलातीं हैं दहलीज़ के भीतर देखतीं हैं सपने अंतरिक्ष के घर से विद्यालय के रास्ते के सिवा नहीं देखा...

आज का विचार

वो सृष्टि है वो वृष्टि है नित नूतन वो दृष्टि है सिंदूरी रंग टिकुली में ले वो सम्पूर्ण समष्टि है प्रीति राघव चौहान चित्रांकन :आरुषि चौहान

नृत्य /Dance

उसके कदम थिरकते हैं माँ वृंदावन को जाती है जैसे कबूतर मूंद कर आँखें कर रहा हो इंतजार अनहोनी टल जाने की बंद उन...

गूंगी सड़क

टूटी हुई सड़कों पर मुस्कुराते कर चलते हुए लोग स्वच्छता अभियान की धज्जियाँ उड़ाते हुए सड़कों पर कूड़े के ढेर ढेरों पर भिनभिनाती मक्खियाँ चितकबरी गायों के झुंड रेड लाइट जंप...

बोलो रानी/जीजिविषा

जीजिविषा रोज रचती है आड़ी तिरछी लकीरों से काले नीले लाल पीले सतरंगी सुनहरे पल… रास्तों की कालिख धोने को हाथ हैं मशीन भी...

मत रोको अब बह जाने दो

मत रोको अब बह जाने दो एक समन्दर मन के अन्दर कतरा कतरा कह जाने दो मत रोको अब बह जाने दो मन की...

चन्द शेर

मेरे जेहन में रिश्तों की जो परिभाषा थी वो बदल दी उसने जिसे खुदा से मांगा ******************************* इस दफा हिसाब सही जो निकले गुणा भाग कर जब मेरी बारी...

बारिश

आज मजे हैं बारिश हो गई   बस्ते से बस कुट्टी है छुट्टी हो या न हो भैया अपनी तो बस छुट्टी है आज मजे हैं......  छप छप करती बारिश...

नाचें अंबर और गुड़िया/बारिश /बाल कविता

वृक्ष मगन सब देख घिरे घन  नाचें अंबर और गुड़िया  निकले घर से चुन्नू मुन्नू  जादू की लेने पुड़िया  दादी रोकें मम्मी टोके  बारिश में तुम न जाना ठंडी लग...