कब तृण हारा तू बोल जरा

कब तृण हारा तू बोल जरा

खाली झंझावातों से अंधियारी काली रातों से अंबर डोले बेशक डोले कब तृण हारा तू बोल जरा कदम ताल के तले सही ओस भाल से ढले सही फूट पड़ा चट्टानों...
सजग भारत स्वस्थ भारत

सजग भारत स्वस्थ भारत

जवान सीमा का प्रहरी है, और सजग भारतीय देश का राष्ट्र इस समय अत्यंत कष्टकारी संकट से गुजर रहा है, हम सभी देशवासियों को मिलजुलकर...
प्रेरक विचार

आज का विचार

मन के पथ पर दौड़ रहे  जितने गहन विचार  उतना ही छाया रहे  अन्तरघट अंधियार  जितना निर्मल चित्त ले  तू आया हरि के द्वार  उतना ही रोशन दिखे  ये सारा संसार 
आस्था का सूर्य उदय होते ही जग प्रकृति की हर शय खूबसूरत नज़र आती है।

आज का विचार

"आस्था का सूर्य  उदय होते ही जग प्रकृति की हर शय खूबसूरत नज़र आती है।"
नई कविता( ये कोरोना के पतन का काल है!)

इक सदी का सफर

इक सदी का सफर  चन्द लम्हों में है इस कदर तेज रौ हमने देखी अभी  हँसते गाते कदम  जो न ठहरे कभी वो हैं बेजां से बुत हमने देखे अभी सहमे सहमे...

यशोधरा प्रश्न

जाने कितनी वासवदत्ता  आई होंगी द्वार तिहारे ओढ़ चांदनी और अंगड़ाई  लेकर होंगे पंथ बुहारे  किंतु देव में मलिन  सहमी हुई सी एक लता  आजन्म रहूँगी कृतज्ञ  जो होऊँ बंदी अंक...

उस द्वार के पार

उस द्वार के पार रह जाएंगे सारे वहम् सारे अहम् संग्रह सभी विचारों के सब गठरियाँ सब ठठरियाँ पत्थर सभी मजारों के उस द्वार के पार रह जाायेंगे .. प्रीति राघव चौहान ।

छोटी सी प्रेरणा

ईमानदारी बड़े और अमीर लोगों में सहजता से मिल सकती है क्योंकि लम्बी अच्छी परवरिश के बाद किसी का ईमानदार होना स्वाभाविक है। यदि...