सक्षम प्लस का शंखनाद

शिक्षा के क्षेत्र में कभी सबसे पिछले पायदान पर रहने वाला जिला नूँह मेवात आजकल सुर्खियों में है। इसका कारण है यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे अमूल चूल परिवर्तन। यहाँ के शिक्षकों ने इस क्रांतिकारी कारी परिवर्तन में अपना सर्वस्व होम किया है। आज फिरोजपुर डाइट में एक बार फिर सभी अंग्रेजी शिक्षकों ने अंग्रेजी में नूँह ब्लॉक को सक्षम करवाने का बीड़ा उठाया। सक्षम प्लस का शंखनाद किया जिला मौलिक खंड शिक्षा अधिकारी श्री अब्दुल मजीद जी ने । उन्होंने सक्षम प्लस के व्यूह बेधन हेतु सुनियोजित मॉडल बनाया। 26जुलाई को होने वाली चौथी, छठी और आठवीं की परीक्षा के लिए मजीद जी ने टैक्नोलॉजी व टीचर्स दोनों को ही समान महत्व दिया है। एक ओर जहां तकनीक के माध्यम से पलक झपकते ही शिक्षक एक दूसरे के साथ मिलकर अपने कार्यों को, विचारों को एक दूसरे तक पहुंचा सकेंगे व समस्याओं का समाधान कर सकेंगे वहीं दूसरी ओर सक्षम मैनुअल टीम के माध्यम से वे प्रत्येक विद्यालय के अन्तिम पंक्ति के बच्चे तक पहुँच उनको अगले पायदान पर लाने में मदद करेंगे।
मजीद जी ने शिक्षकों से छुट्टियों के दौरान भी अपनी सेवाएं देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को दिया जाने वाला गृह कार्य सक्षम दक्षताओं को देखते हुए दिया जाए।
उन्होने कहा, “हम नूँह को सर्वोच्च पायदान पर तभी ला पायेंगे यदि मन, वचन और कर्म से अपने पेशे के प्रति ईमानदार रहेंगे।”
श्री नरेंद्र जी(डाइट प्रिंसिपल) ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे नूँह को सर्वोच्च पायदान पर लाने में दधीचि ऋषि की भांति अपना सम्पूर्ण योगदान दें। उन्होंने शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि मुल्क का मुस्तकबिल /अब तुम्हारे हाथ है/तोड़ो चाहे बना दो/जो हो रजा तुम्हारी..।

VIAप्रीति राघव चौहान
SOURCEप्रीति राघव चौहान
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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