ए जननी तेरा अभिनंदन…. After Pulwama Attack

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ए जननी तेरा अभिनंदन

ए जननी तेरा अभिनंदन

है वंदन तेरी शिक्षा को

किया तिलक भेजा सुपुत्र

भारत भू की रक्षा को

             वो तेरी आँख का तारा था

           माना वो जान से प्यारा था

          है कोटि कोटि यह अभिनंदन

         तेरी ममतामयी भिक्षा को

आज हिमालय से वापस

जो भाल तेरे घर आया है

 है देश मेरा नतमस्तक ये

तूने जो दी उस दीक्षा को

         आकाश में जितने तारें हैं

       वो सभी किसी के प्यारे हैं

          है तेरा पूत तो ध्रुव जननी

     वंदन है तेरी शिक्षा को

ए मात पुत्र वो तेरा था

पर छलनी मेरा कलेजा है

अब जैश कोई जिंदा न रहे

है वक्त नहीं समीक्षा को

     हर आतंकी के परखच्चे

     हम चौराहों पर टांगेंगे

     ये रक्तबीज तो हम दुर्गा

     अब वक्त नहीं परीक्षा को

           “ प्रीति राघव चौहान”

 

VIAPriti Raghav Chauhan
SOURCEप्रीति राघव चौहान
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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