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शुभकामनाएं /हो भविष्य उज्ज्वल ही उज्ज्वल
हो भविष्य उज्जवल ही उज्जवल
शुभकामना देता ये अंतस्तल गंगा सा मन रहे आपका
...
अनकहा/बहुत कुछ कहने के बाद
बहुत कुछ
कहने के बाद भी
कितना कुछ रह जाता.. अनकहा
कितने प्रश्न अनुत्तरित ??
कितने स्वप्न -धूल...
पीपल देव के शनि
चलो चलें एक नए सफर
पर कहते नई कहानी एक
ना दादी ना नानी जिसमें
ना कोई रात की रानी देख
ढलता सूरज चढ़ती रातें
हर दिन ढले जवानी...