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मंदिर मंदिर पंडे बैठे
मंदिर मंदिर बैठे पंडे
मंदिर बाहर बैठे वृद्ध
राम ढूंढते वन वन भटके
घर के ऊपर फिरते गिद्ध
खुशहाली को खुशी खा गई
सड़कों पर है बदहाली
दिल्ली से है...
मुंडकल्ली /without scarf on head
मुंडकल्ली
दरवाज़ो के पीछे हँसती खिलखिलातीं हैं
दहलीज़ के भीतर देखतीं हैं
सपने अंतरिक्ष के
घर से विद्यालय के रास्ते के सिवा नहीं देखा...
नृत्य /Dance
उसके कदम थिरकते हैं
माँ वृंदावन को जाती है
जैसे कबूतर मूंद कर आँखें
कर रहा हो इंतजार
अनहोनी टल जाने की
बंद उन...
मत रोको अब बह जाने दो
मत रोको अब बह जाने दो
एक समन्दर
मन के अन्दर
कतरा कतरा
कह जाने दो
मत रोको अब बह जाने दो
मन की...
चन्द शेर
मेरे जेहन में रिश्तों की जो परिभाषा थी
वो बदल दी उसने जिसे खुदा से मांगा
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इस दफा हिसाब सही
जो निकले गुणा भाग कर
जब मेरी बारी...
बारिश
आज मजे हैं बारिश हो गई
बस्ते से बस कुट्टी है
छुट्टी हो या न हो भैया
अपनी तो बस छुट्टी है
आज मजे हैं......
छप छप करती बारिश...
पहली बारिश
पहली बारिश
सौंधी गंध
रोज बरसात
धुल गये छंद
गुड़हल फूले
चहुँदिस मकरंद
पहली बारिश
सौंधी गंध
धुले घाट
उखड़े बाट
गाड़ी के छींटे...
कंदीलें
है घना बहुत अंधेरा
कंदीलें जला लो यारों
घटा ने चाँद छिपाया है
हौसलों को नहीं
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बारिश की आगवानी में
आदमी दलदल हुआ
बादल उम्मीद से
ज्यादा चले...
सोशल मीडिया दीमक है
वो सुनेंगे भी
देखेंगे भी
पर कर सकेंगे
कुछ नहीं
वो क्या जाने
सोशल मीडिया
दीमक है..
मीडिया से
भी भयावह
दांत वाला
हाथ वाला
हाथ भी ऐसे
कांधों पे बिठा लें
जी में आये तो
कुर्सी से...