Tuesday, October 7, 2025

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उसका जाना

कंचन सुबह से ही अपने महानगर वाले घर में तैयारियों में जुटी थी। बैठक कक्ष में उसने आसन, दरी और फूल सजा दिए थे।...

पारिजात

अपराजिता जब पहली बार जब उस छ:फुटे पारिजात से मिली तो उसे लगा मानो वह किसी पुराने परिचित को देख रही हो। उसकी उपस्थिति...

कैसे बताऊँ मैं ही तो सरकार हूँ..

क्य बताऊँ किसलिए बेजार हूँ क्या बताऊँ किसलिए बेजार हूँ रोज के हालात से लाचार हूँ तरबतर हैं चप्पलें बरखा बगैर दुर्गंध से भरा हुआ बाजार हूँ मकानों में...

कसक #नईकविता #प्रीतिराघवचौहान

कुछ, न पाने की कसक सब कुछ होने से ज्यादा है। चाँद समूचा खिड़की में  पर अंधकार से वादा है  मंज़िल पर आ बैठे हैं  प्यास मगर है राह...

TheTeacher

 यदि समाज में जड़ता है, ये जड़ता कौन मिटाएगा? किसकी ज़िम्मेदारी है ये, राहें कौन दिखाएगा? हर चॉक की रेख से पूछो, किसने दुनिया बदली है? हर पुस्तक के पृष्ठ...

योग दिवस

योग एक दिवस नहीं सतत् की जाने वाली क्रिया है, जिसमें स्वयं को लगातार रखना होता है एकाग्र और स्थिर। श्वास की गति में लानी होती है समता चिंतन...
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