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चन्द शेर
मेरे जेहन में रिश्तों की जो परिभाषा थी
वो बदल दी उसने जिसे खुदा से मांगा
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इस दफा हिसाब सही
जो निकले गुणा भाग कर
जब मेरी बारी...
कंदीलें
है घना बहुत अंधेरा
कंदीलें जला लो यारों
घटा ने चाँद छिपाया है
हौसलों को नहीं
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बारिश की आगवानी में
आदमी दलदल हुआ
बादल उम्मीद से
ज्यादा चले...
आजादी क्या मिली वो स्वच्छंद हो गये
आजादी क्या मिली
वो स्वच्छंद हो गये
कतारों में लगे लोग
लामबंद हो गये
हांकने वाले भी थे
हुजूम में शामिल
आजाद तराने गलों
में बंद हो गए
जलसा जुलूस में
तब्दील हो...
मन रीता सा क्यों है /अजान और घंटों में जंग
रुककर कब किसी को
हासिल हुआ मुकाम
मील के पत्थर ने
फुसफुसा कर फरमाया
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आजाद देश में आजादी से दुआ
पढ़ मगर शोर न कर खुदा के बंदे
अजान और...
रही होगी वजह कोई.. प्रीति
रही होगी वजह कोई जो
उसने छोड़ दी महफिल
उसे मगरूर कहकर क्यों
भला हर पल चिढ़ाते हो
है ढाई चाल में माहिर
ना बैसाखियों पर जा
है लम्बी रेस...
अशआर
क्या जरूरी है कि कुछ बोल के समझाया जाये
लोग चुप रह कर भी हाले दिल बयान करतें हैं
हर बात बोल के समझाओ ये जरूरी...
कुछ अशआर.. ए..दिल
मैं अपने काम को निष्ठा से करती आई हूँ
मुझे परवाह नहीं वो राजा हैं या औरंगजेब
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बेहतर है हम अपने काम में
ईमान कायम रखें
दुनिया की...