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मनाली…
पुकारता है व्यास का
वो किनारा बार बार
आँखों में तैरते हैं
वो उनींदे देवदार
खर्शू पर काई सा
छोड़ कर आया हूँ मन...
अशुभ बीठ
देव
देव - कारकून
ने फैंकी बीठ
हरि-जन ने लपकी
अशुद्ध हुई
5100 जुर्माना
स्वाधीन देश जड़ जनता मूढ़ प्रदेश
अरे कारकूनो!
कोकून से निकलो
बीठ और पीठ से
दल बनेंगे देश नहीं
दल से...
महानगरीय आदमी
उल्लू सा जागता
अंधाधुंध भागता
आगे पीछे विकराल मुँह
वाला ये आदमी
महानगरी का बाशिंदा है
खासियत ये है कि
हर हाल में जिंदा है
वो चिड़िया
अब वो चिड़िया नहीं आती
जो आती थी कल तलक
शीशे के दर पर
जो पटकती थी सर
आइने से घर पर
अब वो चिड़िया नहीं आती
उसे अहसास है...
मंदिर मंदिर पंडे बैठे
मंदिर मंदिर बैठे पंडे
मंदिर बाहर बैठे वृद्ध
राम ढूंढते वन वन भटके
घर के ऊपर फिरते गिद्ध
खुशहाली को खुशी खा गई
सड़कों पर है बदहाली
दिल्ली से है...
मुंडकल्ली /without scarf on head
मुंडकल्ली
दरवाज़ो के पीछे हँसती खिलखिलातीं हैं
दहलीज़ के भीतर देखतीं हैं
सपने अंतरिक्ष के
घर से विद्यालय के रास्ते के सिवा नहीं देखा...
नृत्य /Dance
उसके कदम थिरकते हैं
माँ वृंदावन को जाती है
जैसे कबूतर मूंद कर आँखें
कर रहा हो इंतजार
अनहोनी टल जाने की
बंद उन...
गूंगी सड़क
टूटी हुई सड़कों पर
मुस्कुराते कर चलते हुए लोग
स्वच्छता अभियान की
धज्जियाँ उड़ाते हुए
सड़कों पर कूड़े के ढेर
ढेरों पर भिनभिनाती मक्खियाँ
चितकबरी गायों के झुंड
रेड लाइट जंप...
बोलो रानी/जीजिविषा
जीजिविषा रोज रचती है
आड़ी तिरछी लकीरों से
काले नीले लाल पीले
सतरंगी सुनहरे पल…
रास्तों की कालिख
धोने को हाथ हैं
मशीन भी...
पहली बारिश
पहली बारिश
सौंधी गंध
रोज बरसात
धुल गये छंद
गुड़हल फूले
चहुँदिस मकरंद
पहली बारिश
सौंधी गंध
धुले घाट
उखड़े बाट
गाड़ी के छींटे...