Thursday, January 16, 2025
Tags Priti Raghav Chauhan /नई कविता

Tag: Priti Raghav Chauhan /नई कविता

आज का सवाल?

ये कोरोना के पतन का काल है चहुंओर आजादी के खुशकत नजारे हवाओं में उछलते दिलकश ये नारे खांसते लोग खिड़कियों से झाँकते लिए पुनर्जागरण की फिर से...

मौन को आवाज दो

मौन को आवाज दो बोलते हैं आज पत्थर ज़िन्दगी को साज दो गीत नित नूतन रचो मौन को आवाज दो ढक रहा काला कुहासा क्षितिज तक की लालिमा पीर है गहरी...

बड़ा आदमी

कुछ रंगीन कंचे, लेमनचूस की गोलियां और चंद टॉफियां जेब में लिए फिरता...

गमले में कानन

मेरे समक्ष है गगन खुला मेरे समक्ष है गगन खुला मैं गमले में कर रही हूँ कोशिश खुलने की गगन सम घर को वन बनाने की जिद...

मनाली…

पुकारता है व्यास का  वो किनारा बार बार आँखों में तैरते हैं वो उनींदे देवदार खर्शू पर काई सा छोड़ कर आया हूँ मन...
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