Thursday, January 16, 2025
Tags Https://pritiraghavchauhan.com/Gazal

Tag: https://pritiraghavchauhan.com/Gazal

गाँव का बाशिंदा

माना कि साल अभी नया नया सा है चहूँ ओर कोहरे का छाया धुँआ सा है मेरा दर मेरी खिड़की बंद है बेज़ा नहीं बाहर सर्द समन्दर...

आजादी क्या मिली वो स्वच्छंद हो गये

आजादी क्या मिली वो स्वच्छंद हो गये कतारों में लगे लोग लामबंद हो गये हांकने वाले भी थे हुजूम में शामिल आजाद तराने गलों  में बंद हो गए जलसा जुलूस में तब्दील हो...
- Advertisement -

MOST POPULAR

HOT NEWS