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Priti Raghav Chauhan
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समष्टि
Tag: समष्टि
नई कविता
विश्व भर की महिलाओं को…
pritiraghavchauhan.com
-
March 8, 2022
0
वो सृष्टि है औरतें जब बैठती हैं.. औरतें जब बैठती हैं एक साथ चंद पल फुर्सत के निकाल मुस्कुराती हैं हँसती हैं चहकती हैं फफकती हैं और कभी-कभी शोलों...
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