Monday, August 12, 2024
Tags प्रीति राघव चौहान

Tag: प्रीति राघव चौहान

चलो एक बार…

चलो एक बार फिर भरें उड़ान हौसलों से भर लो पर रंग बिरंगे रंग ओढ़ कर पुरातन पंथी ढंग छोड़कर चलो फिर भरें उड़ान  तुम अनूठी हो अद्भुत है तुममे साहस करो...

मेरे मेरे अंदर का इक बच्चा बड़ा होने से डरता है...

मेरे अंदर का इक बच्चा बड़ा होने से डरता है बड़े लोगों की दुनिया में खड़ा होनेसे डरता है जमाने भर की गर्दिश है लपेटे अपने हाथों में जरा...

वैदिक युग से शुरु हुई मैं संस्कृत प्राकृत की चेरी

वैदिक युग से शुरु हुई मैं संस्कृत प्राकृत की चेरी आर्य नादों में बजती थी मेरे सुर की रणभेरी  सिन्धु देश में अश्वमेघ सम छाप मिलेगी मेरी अपभ्रंश और अवधी...

गर्मी किसे लगती है

माँ बहुत गर्मी है,  अब कैसे सबक याद करुँ?  अपनी आँखें बंद करो और  कहो हिंदुस्तान हूँ। 

किस्से

किताबों में किस्से हैं स्याह सफेद किरदारों के हमारे /तुम्हारे /इसके /उसके जाने किस किस के किस्से  जो काले हर्फ़ों में...

आज का विचार

आदर्श उच्च हों तो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अनुकूलता आ जाती है । 

नदी

फिर तोड़कर चली है वो बांध और किनारे हँसते थे कभी जिसको अल्हड़ सी नदी कहकर मायूस न हो लौटना अब उसका नहीं होगा सदियों से था...

अब्बू के नाम

02अप्रैल2018 प्यारे अब्बा जी के नाम रेवासन, नूंह।   मेरे प्यारे अब्बा जी, अस्सलाम वालेकुम।   अल्लाह आपको सलामत रखे। अब्बा जी मैंने अपनी दूसरी कक्षा का इम्तिहान अच्छे नम्बरों से...
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