Monday, September 4, 2023
Tags प्रीति राघव चौहान नई कविता

Tag: प्रीति राघव चौहान नई कविता

बस तुम और मैं..

अब क्या होगा इस दुनिया में?  जो आकर कोई पूछेगा वो स्वयं ही अपनी पहेली को मेरे शब्दों में बूझेगा अनघड़ औघड़ बेजां बातें  क्यों कर- कर वक्त गुजारें...

लक्ष्य नया अपनाना होगा

लक्ष्य नया अपनाना होगा  लकीर के फकीर को कब मिली डगर नई आंधी में अधीर को कब मिली सहर नई सबसे हटकर चलना है तो लक्ष्य नया अपनाना होगा  दुनिया तेरे...

चलो इक बार फिर बैठें बतियाएं

http://pritiraghavchauhan.com चलो इक बार फिर बैठें बतियाएं तुम ही तुम कहो निहारूं मैं दूर तलक हम चलें साथ साथ रास्ते के कांटे तेरे बुहारूं मैं रुक कर देखो कनखियों से तुम नज़र तुम्हारी नज़रों से  उतारूं...
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