Tag: नई कविता #pritraghavchauhan
अमीना यदा कदा मुस्कुराती है
अमीना यदा कदा मुस्कुराती है
आज अमीना का दिन
शुरु हुआ प्रार्थना से
लेकर हाथ में
जादू का बक्सा
जिसे खोने का डर लिए
देख रही है वो सपने अविरल
बंद...
माँ मैं आ गई
लो माँ वक्त से पहले ही
चली आई मैं
पर भाई की तरह
ना छकाया
ना रुलाया
ना सताया
ना साज
ना आवाज़
ना ढोल ताशे
ना बनी सबकी सरताज
जो भी आता...