Thursday, January 16, 2025
Tags नई कविता #pritraghavchauhan

Tag: नई कविता #pritraghavchauhan

अमीना यदा कदा मुस्कुराती है

अमीना यदा कदा मुस्कुराती है आज अमीना का दिन शुरु हुआ प्रार्थना से लेकर हाथ में जादू का बक्सा जिसे खोने का डर लिए देख रही है वो सपने अविरल बंद...

माँ मैं आ गई

लो माँ  वक्त से पहले ही चली आई मैं पर भाई की तरह ना छकाया ना रुलाया ना सताया ना साज ना आवाज़ ना ढोल ताशे ना बनी सबकी सरताज जो भी आता...
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