कंदील
हवा में कंदीले बहुतेरी बेशुमार थीं
मन्नतें सभी की अपार अपरंपार थीं
हमनें भी इक दिल्लगी में उड़ा दी
सुबह मेरी छत पर बुझी हुईं...
आज का विचार
मैं कब किस के काम आया
मेरा जनाज़ा बताएगा
कांधिये कितने थे पीछे
और कैसी जमात थी
आज का विचार
सरलता रंगों का स्वाभाविक गुण है। चाहे किसी भी रंग में मिलाओ ये सहज ही दूसरे में विलय हो जाते हैं। अतः सरल बनो।
तनख्वाह
मैं अपने वेतन से खुश हूँ
यदि कह भी दूँ
तो भी…
ढाई हजार वाई-फाई
टीवी फोन के
दो हजार फोन के खून चूसते ऐप के
तीन हजार गाड़ी का...
दो कांधे और चाहियें
कुछ वक्त और
ठहर जा ऐ ज़िन्दगी
दो कांधे और चाहिये
बेटियाँ कुंवारी हैं अभी
आज का विचार
अपने देश को नुकसान पहुँचा कर कोई राष्ट्र कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
JustChill
When all things go wrong
and everything makes you still
then please don't cry
just stay and chill
Just Chill Just Chill
when clouds are more
a lots of thunders...
तू तलाश में अपनी
तू तलाश में अपनी
हम तेरी तलाश में हैं
मिले जो अपना पता
हमें इत्तला करना जरूर
प्रीति राघव चौहान
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गमले में कानन
मेरे समक्ष है गगन खुला
मेरे समक्ष है गगन खुला
मैं गमले में कर रही हूँ कोशिश
खुलने की गगन सम
घर को वन बनाने की जिद...
प्रीति राघव चौहान की नई कविता
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DearSanta….
DearSanta,
I am still waiting for you
from years... On this day
I know your bells are stolen
Your cart is just like a cage
I know your
grey beard...
Dear Santa
Anger Management..
क्रोध किसी क्रिया की प्रतिक्रिया मात्र होता है। सामने खड़ी विपरीत परिस्थितियों की दीवार पर अपने क्रोध की जोर आजमाइश करने से बेहतर है...
Anger Management
क्यों ऐसा जहाँ है
वहाँ बन्दिशें हैं
यहाँ तन्हाइयाँ
और मुझे खुदा चाहिये
वो चाहे किसी मंदिर में हो
या किसी मकतल में
मिलें तो पूछें उससे
क्यों ऐसा जहाँ है....
क्यों ऐसा जहाँ है