Monday, August 12, 2024

कंदील

हवा में कंदीले बहुतेरी बेशुमार थीं मन्नतें सभी की अपार अपरंपार थीं हमनें भी इक दिल्लगी में उड़ा दी सुबह मेरी छत पर बुझी हुईं...

आज का विचार

मैं  कब  किस  के काम आया मेरा जनाज़ा बताएगा कांधिये  कितने थे पीछे और कैसी जमात थी

आज का विचार

सरलता रंगों का स्वाभाविक गुण है। चाहे किसी भी रंग में मिलाओ ये सहज ही दूसरे में विलय हो जाते हैं। अतः सरल बनो। 

तनख्वाह

मैं अपने वेतन से खुश हूँ  यदि कह भी दूँ तो भी… ढाई हजार वाई-फाई  टीवी फोन के  दो हजार फोन के खून चूसते ऐप के  तीन हजार गाड़ी का...

दो कांधे और चाहियें

कुछ वक्त और ठहर जा ऐ ज़िन्दगी दो कांधे और चाहिये बेटियाँ कुंवारी हैं अभी

आज का विचार

अपने देश को नुकसान पहुँचा कर कोई राष्ट्र कभी आगे नहीं बढ़ सकता।

JustChill

When all things go wrong  and everything makes you still then please don't cry just stay  and chill Just Chill Just Chill when clouds are more a lots of  thunders...

तू तलाश में अपनी

तू तलाश में अपनी  हम तेरी तलाश में हैं  मिले जो अपना पता  हमें इत्तला करना जरूर     प्रीति राघव चौहान 
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क्यों ऐसा जहाँ है

वहाँ बन्दिशें हैं यहाँ तन्हाइयाँ और मुझे खुदा चाहिये वो चाहे किसी मंदिर में हो या किसी मकतल में मिलें तो पूछें उससे क्यों ऐसा जहाँ है....  
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