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LIFESTYLE
उत्कर्ष
प्रीति राघव चौहान उत्कर्ष
PritiRaghavChauhan
प्रीति राघव चौहान
उत्कर्ष
कोलाहल चहुंओर व्याप्त है द्वंद चतुर्दिक घेरे
मैं और मैं की अमराई में निस दिन लगते फेरे
तू- तू...
चल बनकर बंजारा
गीत
चल बनकर बंजारा पगले
करता जा ता रा रा रा
बनकर मेघ मल्हार बरस जा
गर जीवन है अंगारा
चल बनकर बंजारा
पगले करता
जा ता रा रा रा
राह...
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REVIEWS
मेरे घर में कोई न कोना?
मेरे घर में कोई न कोना
दीवारों की गिनती बोल
तीजी मंजिल बना तिकोना
छत्तीस खिड़की घन बेडौल
कहे दुलारी हँसकर भैया
रामलली का डिब्बा गोल
जितनी नाली जितने...
मेरे घर में कोई न कोना प्रीति राघव चौहान
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मेवाती
दो दिन से लंच बॉक्स स्कूल में भूलरही थी तीसरे दिन फिर एक बैग और लंच बॉक्स लिए वह स्कूल पहुंची। विद्यालय के सभी...
हिन्दी में अल्पज्ञ ए आई
हिन्दी में अल्पज्ञ ए आई
AI आज के दौर का आधुनिक मानव निर्मित इंसान.. हर क्षेत्र में तेजी से अपने पैर पसार रही है। लेकिन...
फोन का उपवास
#फोन चलो आज फोन का उपवास करते हैं
https://pritiraghavchauhan...
चलो आज फोन का उपवास करते हैं
चलो आज फोन का उपवास करते हैं
नहीं देखेंगे व्हाट्सएप चैट
ना देखेंगे...
किताबें
किताबें
किताबों में किस्से हैं कलमा है चौपाई भी
तेरी मेरी इसकी उसकी सी लगती कविताई भी
किताबों में कल है रोमांचक पल हैं
काले हर्फ़ों में लिखें...
उम्र भर जिनको तराशा इंसान बनाकर रात दिन देखते...
2मार्च 2009..एक मुस्लिम बहुल इलाके में छत्तीस वर्ष की आयु में गैस्ट टीचर के रूप में नियुक्ति। सुना था मिनी पाकिस्तान है! किन्तु पहुंचने...
चल बनकर बंजारा
गीत
चल बनकर बंजारा पगले
करता जा ता रा रा रा
बनकर मेघ मल्हार बरस जा
गर जीवन है अंगारा
चल बनकर बंजारा
पगले करता
जा ता रा रा रा
राह...
राम
जय श्रीराम
तुम ही मेरी जीवन धारा
तुमसे पावन ये जग सारा
सृष्टि के कण- कण में समाहित
हे रघुनन्दन नाम तुम्हारा
हे राघव मैं सृजन तुम्हारा
तुम्हें समर्पित...