सजग भारत स्वस्थ भारत
टीको लगवा ले री माई लड़नो कोरोना सू है

जवान सीमा का प्रहरी है, और सजग भारतीय देश का

राष्ट्र इस समय अत्यंत कष्टकारी संकट से गुजर रहा है, हम सभी देशवासियों को मिलजुलकर एक दूसरे की मदद करनी होगी, तब ही इस संकट से जल्द जल्द निकला जा सकता है। कोरोना वायरस रोग 2019 (कोविड-19) के प्रसार और इसके आगे के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए अनियोजित लॉकडाउन ने ऐसे लाखों लोगों के जीवन में एक आर्थिक तबाही मचा दी है जो अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं– इनमें न केवल दिहाड़ी मज़दूर हैं बल्कि अनियमित अर्थव्‍यवस्‍था में काम करने वाले मजदूर भी हैं। 

आर्थिक सहायता

समाज का एक वर्ग अभाव मे जी रहा है और आवश्यक संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. उन्हें हमारे सहयोग की आवश्यकता है. आइये हम सब मिल कर प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाने में सहयोग करें। आपका सहयोग संकट के इस समय में प्रदेश को मज़बूत बनाएगा | आप आर्थिक, राशन सहायता के अलावा वस्तुओ के साथ श्रमदान भी कर सकते हैं

सोशल मीडिया द्वारा सद् विचारों से सहायता 

             “चढ़ै ताप या मूंड पिरावे, डॉक्टर से उपचार करावै!हम दिन रात तरह तरह-तरह के संदेशों का आदान प्रदान करते हैं। लोगों तक सकारात्मक संदेश पहुँचा कर हम अपने राष्ट्र के सजग नागरिक कहलाएँगे। 

जैसे कि… 

मास्क की महत्ता सभी तक पहुंचाए 

              तोसू कह रो हूँ बेढंगी, मास्क पहन कै निकले कर

            धरी रह जागी री सरपंची, मास्क पहन कै निकले कर

“मोमबत्ती टेस्ट के जरिए घर बैठे ही बहुत आराम   से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आप जो मास्क पहन रहे हैं, वह कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में प्रभावी है या नहीं।इसके लिए आप एक मोमबत्ती को जलाकर रख लें। अब अपने चेहरे पर मास्क पहनकर इस मोमबत्ती को फूंक मारकर बुझाने की कोशिश कीजिए। यदि आपके मुंह से निकली हवा इस मास्क को पारकर मोमबत्ती को बुझा देती है तो समझ जाइए कि आपका मास्क कोरोना वायरस को रोक पाने में सक्षम नहीं है।”

 हुक्को मत पीवै रै ताऊ, 

कोरोना गली गली घूमै

लोगों को स्‍व-अलगाव यानी सेल्फ आइसोलेशन के महत्व के बारे में शिक्षित करें।

एक दो तीन चार 

हाथ धो लो फिर एक बार 

हाथ धोने, सामाजिक/शारीरिक दूरी का औचित्‍य, बिना हाथ धोए मुंह, आंखों और नाक को न छूने के बारे में अत्‍यंत व्यापक संदेश फैलाना आरंभ किया जाए। 

 टीको लगवा ले री माई, लड़नो कोरोना सू है 

बाद मै कर लीजो कढ़ाई, लड़नो कोरोना सू है 

प्रत्येक भारतीय तक हमारा ये संदेश पहुंचना जरूरी कि कोविड का टीका जरूर लगवाना है। 

उपरोक्त तरीकों से हम अपने राष्ट्र की सेवा 

बखूबी कर सकते हैं। तभी कहलाएगा – 

“सजग भारत स्वस्थ भारत” 

VIAPritiRaghav Chauhan
SOURCEPritiRaghavChauhan
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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