मिशन मोड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति
भाग १
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब किसी कार्य को मिशन मोड में करते हैं तो कोई भी बाधा उनकी रणनीतियों के आड़े नहीं आती। भारत मेंआजकल शिक्षा के आमूल चूल परिवर्तन का दौर जारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पुराने पारंपरिक लचर ढांचे को पीछे छोड़ आधुनिक शिक्षा प्रारूप के साथ पूरे जोर-शोर से नवयुग में पदार्पण कर रही है। इस दिशा में शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन की स्थापना की है। मिशन अधिगम के क्षेत्रों में आते हैं-
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खेल कूद और गतिविधि आधारित शिक्षण को बढ़ावा देना।
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दैनिक जीवन से संबंधित स्थितियों से बच्चे को जोड़ना और उसकी मातृभाषा का शिक्षा में औपचारिक समावेश करना।
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बच्चे को आत्मनिर्भर प्रेरित और एकाग्र चित्त पाठक और लेखक बनाना जिससे उसमें सतत पठन व लेखन संबंधी कौशलों की समझ विकसित हो।
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बच्चों को संख्या माप और आकार संबंधित तर्क समझने के योग्य बनाना। ताकि वे संख्या ज्ञान और स्थानीय समझ कौशल के माध्यम से समस्या को हल करने में आत्मनिर्भर हों।
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बच्चों को उनकी स्कूली शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों में पहुंच प्रदान करना और उन्हें स्कूलों में बनाए रखना।
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शिक्षक क्षमता का निर्माण। शिक्षकों मुख्य शिक्षक व शैक्षणिक संसाधन व्यक्तियों और शिक्षा प्रशासन के निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना।
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अध्ययन अध्यापन की मजबूत नींव के लिए इसके सभी हित धारकों जैसे माता-पिता शिक्षकों छात्रों और समुदाय नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना।
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उच्च गुणवत्ता एवं विविधता पूर्ण छात्र एवं शिक्षण संसाधनों व अधिगम सामग्री का विकास।
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अधिगम परिणाम उपलब्धि में प्रत्येक छात्र की प्रगति को ट्रैक करना।
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तथा बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के पहलुओं के समाधान पर ध्यान देना।