रंग हवा में केसरिया

और नीला पीला लाल

रंग हवा में केसरिया है नीला पीला लाल
जोगीरा सा रा रा रा

गलियों में निकली हैं टोली

मच रहा खूब धमाल

बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

खबरों में है युद्ध फकत

पुतिन पड़ रहे हैं भारी

आप्रेशन गंगा संग मोदी

काशी में करें सवारी

बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

हाटों और बाज़ारों में

फिर हो रही रेलम पेल

मंहगी चीजों पर भी भारी

हो रही धक्कम पेल

तो बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

बस्ते में थी बंद किताबें

निकली फिर से सारी

होश उड़े हैं बच्चों के

डेट शीट हो गई जारी

बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

सड़कें बढ़ रहीं बढ़ रही कारें

और बढ़ रहीं रेल

चौबे भी अब छब्बे बन गए

कहते मंहगा तेल

तो बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

हर बात में नया मिशन

मोदी जी बन रहे हीरो

दाएँ हाथ को बढ़ते जा रहे

जनसंख्या में जीरो

तो बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

आने वाली घोर कयामत

रोज जंग है जारी

नाचो गाओ जीलो जी भर

कल है हमारी बारी

तो बोलो सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा

“प्रीति राघव चौहान “

VIAPRITI RAGHAV CHAUHAN
SOURCEPritiRaghavChauhan
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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