फोन का उपवास

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#फोन चलो आज फोन का उपवास करते हैं

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चलो आज फोन का उपवास करते हैं
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चलो आज फोन का उपवास करते हैं

 

 

चलो आज फोन का उपवास करते हैं

 नहीं देखेंगे व्हाट्सएप चैट

 ना देखेंगे कोई स्टेटस  

चेहरे वाली किसी किताब को नहीं बांचना 

ना किसी स्टोरी खिड़की में झांकना 

रीलों से आज तौबा 

 इंस्टाग्राम से परे हट 

स्वयं का विकास करते हैं 

चलो आज फोन का उपवास करते हैं 

कुछ योग कपालभाति

सुनें नगमें नाना भांति 

चिड़ियों को सुनें, बच्चों को गुनें

घरवालों से तकरार 

फिर मानमनुहार

पास की सड़कों पर भर कुलांचे

 पड़ोसियों से छोटी मुलाकात करते हैं 

चलो आज फोन का उपवास करते हैं 

पोंछते हैं शीशे खिड़कियों के

लाते हैं कुछ और उजाले

दरवाजों के कब्जों में डालते हैं तेल

चलो हटाते हैं जाले

 पौधों की सुध लें 

कपड़ों के अंबार को देखें 

कोने सभी सजा लें

घर से कतारें चींटियों की साफ करते हैं 

चलो आज फोन का उपवास करते हैं 

‘प्रीति राघव चौहान’

 

 

 

 

 

 

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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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