नारे-

*निपुण नया भारत 

हमसे बढ़े भारत

 

*पढ़ेगा मेवात 

बढ़ेगा मेवात 

 

*करना है मिलकर 

दोबारा 

शिक्षा से हर घर उजियारा 

 

*छुटकी मुन्नू छूट न जाएँ

चलो दाखिला अभी कराएँ 

 

*शिक्षित होगा हर परिवार 

हर घर का अब यही विचार 

 

*एक दो तीन चार 

शिक्षित हो अब हर परिवार 

 

*देश को आगे लाना है 

ज्ञान का अलख जगाना है 

 

*बेटी आज पढ़ाओगे

दो घर को चमकाओगे

 

*निपुण बनो निपुण बनो

पढ़ो लिखो सगुण बनो

 

*यदि पहुंचना आसमान तक

समझ समझ कर पढ़ना होगा

विश्व गुरु बनना तुमको

गर

सबसे मिलकर बढ़ना होगा

 

*अम्मा बूआ काकी ताई

साक्षर सब करनी हैं भाई

 

* स्वास्थ्य कौशल खेल पढ़ाई

सब मिलकर करने हैं भाई

 

*चलो सभी मिलकर स्कूल 

साफ करें अज्ञान की धूल

 

* बात कभी न जाना भूल 

हर बच्चा हो इन स्कूल 

“प्रीति” 

VIAPRITI RAGHAV CHAUHAN
SOURCEPritiRaghavChauhan
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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