आज नए संकल्प बनाएँ 3/01/2022
हर चेहरे पर हो मुस्काने
आज नए संकल्प बनाएँ
जीवन के बंजारेपन को
अब एक नया मुकाम दिलाएँ
हर चेहरे पर हो मुस्काने
आज नए संकल्प बनाएँ -2
उसकी जिद है गर पाना तो
दे दें इक आकाश उसे हम
खोलें ताले बंद किवाड़ें
हर घर हो आजाद हवाएँ
हर चेहरे पर हो मुस्काने
आज नए संकल्प बनाएँ – 2
सच्चाई और धीरज आगे
चली भला कब किसकी है
इंसानों की अंधी बस्ती को
अब चलकर ये राज बताएँ
हर चेहरे पर हो मुस्काने
आज नए संकल्प बनाएँ – 2
तट पर एकाकी नाव खड़ी
माना समक्ष तम सागर है
प्रथम किरण बनकर सूरज की
नभ के तम को चलो मिटाएँ
हर चेहरे पर हो मुस्काने
आज नए संकल्प बनाएँ -2
“प्रीति राघव चौहान”
3/01/2022
गुरुग्राम