टूटी हुई सड़कों पर

मुस्कुराते कर चलते हुए लोग

स्वच्छता अभियान की

धज्जियाँ उड़ाते हुए

सड़कों पर कूड़े के ढेर

ढेरों पर भिनभिनाती मक्खियाँ

चितकबरी गायों के झुंड

रेड लाइट जंप करते

 चंद स्वछंद

सौ पचास देकर

छूटते अॉटो चालक

छ:किलोमीटर की छोटी यात्रा में

आधा घंटे का सफर कर निढाल

घर लौटती सुजाता

अनगिनत अनजान

 कचरे के ढेर पर बसे परदेसी

सड़कों के दोनों किनारे

अभिनंदन में नत नेता

मेरे शहर की डेमोक्रेसी

बयान करती है

एक गूंगी सड़क

जो विचलित तो करती है

परन्तु देर सवेर घर तक पहुंचाती है

VIAप्रीति राघव चौहान
SOURCEप्रीति राघव चौहान
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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