उपसर्ग और प्रत्यय 

वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं।

 उत्पत्ति के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं।

• रूढ़

• यौगिक http://PritiRaghavChauhan.com

• योगरूढ़

मूलतः शब्द के दो ही भेद होते हैं।

रूढ़ और यौगिक

• रूढ़ जिसके हम और टुकड़े ना कर सके या खंड ना कर सके उसे हम रूढ़ कहते हैं।

• यौगिक

शब्दों की रचना तीन प्रकार से की जाती है।

• उपसर्ग से

• प्रत्यय से

• और समास से।

उपसर्ग – उप+सर्ग उपसर्ग का अर्थ है किसी शब्द के समीप आकर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के शुरू(आदि) में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं वह उपसर्ग कहलाते हैं।

हिंदी में उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।

संस्कृत के उपसर्ग  

1. अति-अधिक –

      अत्यंत, अत्याचार, अतिरिक्त, अतिशय

2. अधि-ऊपर, श्रेष्ठ –

अधिपति, अधिनायक, अधिकार

3. अप-बुरा-हीन-

अपमान, अपकार

4. अभि—सामने, चारों ओर, पास –

अभिषेक, अभिमुख, अभिनय, अभियान

5.अव -हीन, नीच –

अवगुण, अवनति, अवतार, अवतरण

6. आ-तक, समेत – आजीवन, आमरण, आगमन, आरक्षण

7. उत्-ऊंचा, श्रेष्ठ-

उत्तम, उत्पत्ति, उत्कर्ष,

8.उद् – ऊपर, उत्कर्ष

उद्गम उद्भव

9.उप -निकट ,गौड़, सदृश्य

उपदेश, उपवन, उपमंत्री, उपहार

10. दुर्- बुरा, कठिन

  दुर्गम, दुराचार, दुर्दात, दुर्घटना

11. निर् – बिना, बाहर

निर्जन, निराकार, निर्गुण

12.निस्—रहित, पूरा, विपरीत

 निसार, निश्चित, निश्चल

13.नि-निषेध, नीचे ,अधिकता

निवारण ,निषेध,निपात

14. परा- उल्टा

पराभव, परामर्श, पराक्रम,

15.परि- आसपास, चारों ओर

परिजन, परिपूर्ण, परिमाण

 16. प्र—अधिक, आगे

प्रख्यात, प्रबल, प्रस्थान, प्रकृति

17. प्रति -उल्टा ,सामने ,हर एक

 प्रतिक्षण, प्रत्येक ,प्रतिकूल, प्रत्यक्ष

18. वि- दिन, विशेष, विपक्ष, विदेश

19.सम- उत्तम ,साथ –

संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव

 20. सु-अच्छा- अधिक

सुजान,सुकुमार, सुरक्षा, सुशिक्षित, सुपात्र

 

हिंदी के उपसर्ग

1) अ- अभाव निषेध – अथाह, अटल, अछूता

2) अन- अभाव निषेध- अनमोल, अनबन, अनपढ़

3) क- हीन बुरा- कपूत, कचोट

4) कु- बुरा – कुचैला, कुतर्क

5) दु- कम बुरा- दुबला, दुलारा, दुधारू

6) नि- कमी – निगोड़ा, निकम्मा, निहत्था, निडर

7) औ- अव निषेध- औगुण, औघड़, अवसर, अवसान

8) भर- पूरा – भरपेट, भरमार, भरपूर, भरसक

9) सु- अच्छा- सुडौल, सुजानगढ़, सुपौल

10) अध- आधा- अधकच्चा, अधकचरा, अधमरा

11) उन- एक कम- उन्नीस, उनतीस, उनतालीस

12) पर- दूसरा बाद का- परलोक, परसर्ग, परहित परोपकार, 

13) बिन- बिना निषेध- बिनबादल, बिनब्याहा , बिनपाए

उर्दू और फारसी के उपसर्ग-

1) अल- निश्चित- अलबत्ता, अलगरज

2) कम- थोड़ा हीन- कमअक्ल, कमबख्त, कमजोर

3) खुश – अच्छा- खुशनसीब, खुशखबरी, खुशहाल, खुशबू

4) गैर-निषेध- गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरजिम्मेदार, गैरमुल्क

5) दर- में – दरअसल, दरहकीकत

6) ना- भाव – नापसंद, नाराज, नालायक, नासमझ

7) फिल /फी – प्रति- फिलहाल, फीआदमी

8) ब – और अनुसार- बनाम, बदौलत, बदस्तूर, बगैर

9) बा- सहित- बाकायदा, बाइज्जत, बाअदब

10) बद – बुरा- बदमाश, बदनाम, बदबू, बदकिस्मत

11) बर- ऊपर बाहर- बर्दाश्त, बर्खास्त

12) बे- बिना – बेईमान, बेचारा, बेवकूफ, बेइज्जत

13) बिल – के साथ- बिल्कुल, बिलाशक

14) ला- सहित- लाचार, लावारिस, लाजवाब, लापरवाह

15) सर – मुख्य- सरदार, सरपंच, सरकार, सरताज

16) हम- समान साथ वाला – हमराह, हमउम्र, हमदम, हमदर्दी

17) हर – प्रत्येक- हरदिन, हरसाल, हरबार

अंग्रेजी के उपसर्ग

1) सब – अधीन नीचे- सब-जज, सब-कमेटी, सब- इंस्पेक्टर

2) डिप्टी – सहायक- डिप्टी- कलेक्टर, डिप्टी- रजिस्ट्रार, डिप्टी – मिनिस्टर

3) वॉइस – सहायक – वाइस-चांसलर, वाइस- प्रेसिडेंट

4) जनरल – प्रधान- जनरल- मैनेजर, जनरल – सेक्रेटरी

5) चीफ – प्रमुख – चीफ- मिनिस्टर, चीफ- इंजीनियर

6) हेड – मुख्य- हेडमास्टर, हेडक्वार्टर, हेडफोन

• उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय

1) अधः – नीचे- अधोगति, अधोमुखी, अधोलिखित

2) अंत: – भीतरी- अत:पुर, अंतर्मन, अंतर्देशीय

3) अ- अभाव – अशोक, अकाल, अनीति

4) चिर – बहुत देर- चिरकुमार, चिरकाल, चिरायु चिरंजीवी

5) पुनर् – फिर- पुनर्जन्म, पुनर्लेखन, पुनर्जीवन

6) बहिर् – बाहर- बहिर्गमन, बहिर्मुखी

7) सत् – सच्चा- सज्जन, सत्कर्म  सत्कार्य

8) पुरा – पुरातन- पुरातत्व, पुरावशेष

9) सम – समान- समकालीन, समदर्शी, समकोण

10) सह- सहकार- सहपाठी, सहयोगी

निम्न लिखित प्रश्नों के उत्तर दें।

 

नि:शेष” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) निश्

 (B) निष

 (C) निश

 (D) निस्

 “निष्फल” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) निश्

 (B) निस्

 (C) नीश

 (D) नीष

“दुराशा” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) दुर्

 (B) दूर्

 (C) आशा

 (D) राशा

“उद्भिज्ज” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) उत्त

 (B) उद्द

 (C) उत्ति

 (D) उत्

“उत्कर्ष” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) उत्त

 (B) उत्

 (C) उद्

 (D) उत्द

“अभ्युत्थान” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) अभि

 (B) अभी

( C) युत्थान

 (D) थान

“अभ्युदय” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) अभि

 (B) अभी

( C) युदय

 (D) दय

“अतिरेक” में कौन-सा उपसर्ग है ?

 (A) रेक

 (B) अति

 (C) अती

 (D) अतिरेक

 हिन्दी मेें प्रचिलत उपसर्गों की कौन सी विशेषताएँ होती हैं ?

 (A) शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।

 (B) शब्द के अर्थ को उलट देना।

 (C) शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना।

 (D) उपरोक्त सभी

 

 

VIAPritiRaghavChauhan
SOURCEप्रीति राघव चौहान
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नाम:प्रीति राघव चौहान शिक्षा :एम. ए. (हिन्दी) बी. एड. एक रचनाकार सदैव अपनी कृतियों के रूप में जीवित रहता है। वह सदैव नित नूतन की खोज में रहता है। तमाम अवरोधों और संघर्षों के बावजूद ये बंजारा पूर्णतः मोक्ष की चाह में निरन्तर प्रयास रत रहता है। ऐसी ही एक रचनाकार प्रीति राघव चौहान मध्यम वर्ग से जुड़ी अनूठी रचनाकार हैं।इन्होंने फर्श से अर्श तक विभिन्न रचनायें लिखीं है ।1989 से ये लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 2013 से इन्होंने ऑनलाइन लेखन में प्रवेश किया । अनंत यात्रा, ब्लॉग -अनंतयात्रा. कॉम, योर कोट इन व प्रीतिराघवचौहान. कॉम, व हिन्दीस्पीकिंग ट्री पर ये निरन्तर सक्रिय रहती हैं ।इनकी रचनायें चाहे वो कवितायें हों या कहानी लेख हों या विचार सभी के मन को आन्दोलित करने में समर्थ हैं ।किसी नदी की भांति इनकी सृजन क्षमता शनै:शनै: बढ़ती ही जा रही है ।

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