ये कोरोना के पतन का काल है
चहुंओर आजादी के खुशकत नजारे
हवाओं में उछलते दिलकश ये नारे
खांसते लोग खिड़कियों से झाँकते
लिए पुनर्जागरण की फिर से मशाल हैं
ये कोरोना के पतन का काल है
अब किसकी होगी सत्ता
किसका बड़ा गिरेगा पत्ता
दुर्योधन होगा कुर्सी पर
या अर्जुन होगा अलबत्ता
चारों ओर बस यही सवाल है
ये कोरोना के पतन का काल है
एक पीढ़ी अलसाई सी
है बंधक दियासलाई सी
गूगल ज्ञान से सरोबार
भुरभुर नानखताई सी
अनपढ़ बालकों की भौचक भौकाल है
ये कोरोना के पतन का काल है
पेट वही है आग बड़ी
दो की मूली दस गुना चढ़ी
हुए हरिश्चंद्र अब बेमानी
बेधुली रहे अब बणी-ठणी
सायबर क्राइम में आया उछाल है
ये कोरोना के पतन का काल है
“प्रीति राघव चौहान “